अनुसूचित जाति के छात्रों को मोदी की ‘परीक्षा पर चर्चा’ के दौरान अस्तबल में बैठाया
By: Ankur sethi
कुल्लू: 16 फरवरी को प्रधानमंत्री जब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करके देश भर के स्कूली छात्रों से ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम कर रहे थे तो उसी वक्त बीजेपी शासित राज्य हिमाचल प्रदेश में अनुसूचित जाति के साथ अपमानजनक व्यवहार और भेदभाव किया गया.
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार कार्यक्रम के लाइव प्रसारण के दौरान कुल्लू जिले के एक सरकारी स्कूल में अनुसूचित जाति छात्रों को क्लास से बाहर बैठने के लिए कहा गया. शिक्षकों ने टीवी पर दिखाए जा रहे मोदी के कार्यक्रम को देखने के लिए इन अनुसूचित जाति के छात्रों को अन्य छात्रों से अलग खुली जगह में बैठने के लिए कहा. जिस जगह इन छात्रों को बैठने के लिए कहा गया वहां पालतू मवेशी और जानवरों को बांधा जाता है.
कुल्लू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन सुनाने के नाम पर एक स्कूल में बच्चों के साथ जाति के आधार पर किए गए अमानवीय व्यवहार पर स्वयंसेवी संस्था उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र लिखकर आरोपितों के खिलाफ तुरंत मुकदमा दर्ज करने की माग की है। उन्होंने कहा कि इस तरह का व्यवहार संगीन अपराध है और आरोपितों को गिरफ्तार किया जाए। अजय श्रीवास्तव ने कहा कि प्रधानमंत्री का संबोधन स्कूल के बच्चों को सुनाने के नाम पर अनुसूचित जाति के बच्चों को स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष के घर ले जाया गया। वहा अनुसूचित जाति के बच्चों को घर के बाहर गंदी जगह में बैठाया गया, जबकि अन्य बच्चे घर के अंदर बैठे।
शिक्षकों ने पहले ही बता दिया था कि अनुसूचित जाति के बच्चे समिति के अध्यक्ष के घर के भीतर नहीं जा सकते। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि उस स्कूल में मिड-डे मील में भी दलित बच्चों को अलग बैठाया जाता है। दलित बच्चों के साथ जाति के आधार पर अमानवीय व्यवहार अस्वीकार्य है।
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