Home International Political सिख समुदायों ने आरएसएस पर पाबंदी लगाने की मांग
Political - Social - Uncategorized - October 16, 2019

सिख समुदायों ने आरएसएस पर पाबंदी लगाने की मांग

BY: JYOTI KUMARI

सिख धर्म से जुड़ी सबसे बड़ी धार्मिक संस्था अकाल तख़्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर देश को बांटने वाली गतिविधियां चलाने का आरोप लगाते हुए आरएसएस पर तुरंत पाबंदी लगाने की मांग की है.

वही हरप्रीत सिंह का कहना है कि “सभी धर्म और संप्रदाय के लोग भारत में रहते हैं और यही इस देश की खूबसूरती है. संघ का कहना है कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाएंगे, लेकिन ये देश के हित में नहीं है.”

इस बीच भारतीय जनता पार्टी के सिख नेता आरपी सिंह ने आरएसएस का बचाव किया है.

उन्होंने बयान पर कड़ी आपत्ति ज़ाहिर करते हुए कहा है, “हिंदू कोई धर्म पंथ का नाम नहीं है, ये एक संस्कृति है. मैं अकाल तख़्त के जत्थेदार से निवेदन करूंगा कि आरएसएस का तीन सदस्य मंडल अल्पसंख्यक आयोग से मिला था और उन्होंने माना था कि सिख अलग धर्म है और इसका अलग अस्तित्व है.””इस बात को आरएसएस मान चुका है, और इस पर अब विवाद नहीं होना चाहिए.”

असल में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि संघ अपने इस नज़रिए पर अडिग है कि भारत एक हिंदू राष्ट्र है.विजयदशमी के दिन नागपुर में अपने संबोधन में भागवत ने कहा कि “राष्ट्र के वैभव और शांति के लिए काम कर रहे सभी भारतीय हिंदू हैं.”

शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने भी कहा था कि यह बयान बेहद आपत्तिजनक है.

उन्होंने कहा, “संविधान ने सभी नागरिकों को धर्म की स्वतंत्रता दी है. ऐसा लगता है कि भागवत संविधान को न देखते हुए हिंदू राष्ट्र का अपना एजेंडा सभी पर थोपना चाहते हैं.”

गौरतलब है कि आरएसएस प्रमुख ने असम में एनआरसी से लोगों के बाहर होने की चिंताओं पर कहा था कि एक भी हिंदू देश छोड़कर नहीं जाएगा। साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि दूसरे देशों में कष्ट और प्रताड़ना सहने के बाद भारत आए हिंदू यहीं रहेंगे। हालांकि, यह पहली दफा है जब सिख समुदाय की ओर से आरएसएस की विचारधारा के खिलाफ खुलकर बोला गया है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

Remembering Maulana Azad and his death anniversary

Maulana Abul Kalam Azad, also known as Maulana Azad, was an eminent Indian scholar, freedo…