देश की आधी से ज्यादा आबादी करती है खुले में शौच या अस्वच्छ शौचालयों का इस्तेमाल
नई दिल्ली। मोदी सरकार द्वारा चलाए गए स्वच्छा भारत अभियान के तहत करोड़ो रुपये का बजट पास होता है. लेकिन जमीनी स्तर पर हालातों में कितना बदलाव आया है? सोचने वाली बात है। वाटर एड्स की स्टेट ऑफ द वर्ल्ड रिपोर्ट ने मोदी सरकार के हर घर में शौचालय बनवाने के दावों की पोल खोल दी है।
जनसत्ता पर प्रकाशित खबर के मुताबिक आबादी के लिहाज से दुनिया के दूसरे सबसे बड़े देश भारत में बुनियादी साफ सफाई के बिना रहने वाले लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है. स्वच्छता मिशन के तहत हुई प्रगति के बावजूद 73.2 करोड़ से ज्यादा लोग या तो खुले में शौच करते हैं या फिर असुरक्षित या अस्वच्छ शौचालयों का इस्तेमाल करते है।
Remembering Maulana Azad and his death anniversary
Maulana Abul Kalam Azad, also known as Maulana Azad, was an eminent Indian scholar, freedo…