सरकार ने ट्रिपल तलाक पर मुस्लिम संगठनों से नहीं ली राय, AIMPLB ने बुलाई आपात बैठक
By- Aqil Raza
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने लखनऊ के नवादा कॉलेज में आज (रविवार) को एक आपात बैठक बुलाई है। ये बैठक संसद में पेश होने वाले ट्रिपल तलाक बिल को लेकर बुलाई गई है। बैठक में सभी मेंबरों को पहुंचने का फरमान जारी किया गया है। बोर्ड और अन्य संगठन संसद में पेश होने वाले विधेयक पर मुस्लिम समाज की राय लेने के लिए बुलाई गई है।
केन्द्र सरकार ने तीन तलाक रोकने के लिए मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक बनाया गया है। जिसे तीन तलाक बिल भी कहा जा रहा है। एक बार में तीन तलाक देने वाले को तीन साल तक की कैद और जुर्माने का प्रावधान भी इसमें जोड़ा गया है।
बता दें कि केंद्रीय कैबिनेट ने शुक्रवार (15 दिसंबर) को ‘मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज बिल’ को मंजूरी दे दी। इस बिल के तहत यदि पति, पत्नी को एक बार में तीन तलाक देता है तो उसे जेल हो सकती है और पति को जमानत भी नहीं मिल सकेगी. इसके अलावा पत्नी और बच्चों के लिए हर्जाना भी देना पड़ेगा।
अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिपल तलाक को गैरकानूनी करार दिया था। इसके बाद भी देश में ट्रिपल तलाक से जुड़े कुछ मामले सामने आए थे। सरकार की तरफ से कहा गया था वो तीन तलाक पर रोक लगाने के लिए नया कानून ला सकती है।
आपको बता दें की तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) के खिलाफ विधेयक तैयार करने में मुस्लिम संगठनों से कोई राय नहीं ली गई है। सरकार ने कहा कि यह मुद्दा लैंगिक न्याय, लैंगिक समानता और महिलाओं की गरिमा की मानवीय अवधारणा से जुड़ा हुआ है, आस्था और धर्म का कोई संबंध नहीं है।
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