Home State Delhi-NCR संसद में तीन तलाक बिल: औवेसी ने बताया संविधान के खिलाफ कानून, मोदी पर भी कसा तंज
Delhi-NCR - Social - State - December 28, 2017

संसद में तीन तलाक बिल: औवेसी ने बताया संविधान के खिलाफ कानून, मोदी पर भी कसा तंज

नई दिल्ली। तीन तलाक पर प्रस्तावित बिल केंद्र सरकार ने संसद में पेश कर दिया है। जिस पर बहस भी जारी है। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि यह कानून ऐतिहासिक है और उच्चतम न्यायालय द्वारा ‘तलाक ए बिदत’ को गैरकानून घोषित किए जाने के बाद मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए इस सदन द्वारा इस संबंध में विधेयक पारित करना जरूरी हो गया है।

वहीं इस संबंध में एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “संसद को इस मसले पर क़ानून बनाने का कोई क़ानूनी हक नहीं है क्योंकि ये विधेयक मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है. ये संविधान के अनुच्छेद 15 का उल्लंघन है. सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही तलाक-ए-बिद्दत को रद्द कर दिया है.”

आवैसे ने आगे कहा कि देश में पहले से क़ानून हैं, घरेलू हिंसा निवारण अधिनियम है, आईपीसी है. आप वैसे ही काम को फिर से अपराध घोषित नहीं कर सकते. इस बिल में विरोधाभास हैं. ये बिल कहता है कि जब पति को जेल भेज दिया जाएगा, तब भी सहवास का अधिकार बना रहेगा. उसे भत्ता देना होगा.”

“ये कैसे संभव है कि जो आदमी जेल में हो और भत्ता भी अदा करे. आप कैसा क़ानून बना रहे हैं. मंत्री जी ने शुरुआत में ही कहा कि बिल पर मशविरा नहीं किया गया है. अगर ये बिल पास हो जाता है तो मुस्लिम महिलाओं के साथ नाइंसाफ़ी होगी. लोग अपनी पत्नियों को छोड़ देंगे.”

औवेसी ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि “देश में 20 लाख ऐसी महिलाएं हैं, जिन्हें उनके पतियों ने छोड़ दिया है और वो मुसलमान नहीं हैं. उनके लिए क़ानून बनाए जाने की ज़रूरत है. इनमें गुजरात में हमारी भाभी भी है. उन्हें इंसाफ़ दिलाए जाने की ज़रूरत है. ये सरकार ऐसा नहीं कर रही है.”

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