तड़प-तड़प कर तोड़ दिया दम, कार में खून न लग जाए इसलिए यूपी पुलिस ने नहीं बैठाया
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भले ही पुलिस के संवेदनशील और कर्तव्यनिष्ठ होने की तमाम कवायद कर रहे हों, लेकिन गुरुवार की रात सूबे की पुलिस का ऐसा घिनौना चेहरा सामने आया कि मानवता ही शर्मसार हो गई।
सहारनपुर में यूपी डायल 100 पुलिस ने दो घायल नाबालिगों को बस इसलिए कार में नहीं बैठाया कि इससे उनकी कार में खून लग जाएगा और कार गंदी हो जाएगी। जिसकी वजह से खून में लथपथ दोनों नाबालिगों ने सड़क पर ही तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। जब तक दूसरे वाहन की व्यवस्था हुई तब तक बहुत देर हो चुकी थी। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने से पुलिस महकमें में खलबली मच गई और एसपी ने डायल 100 पर तैनात तीन पुलिसवालों-एक हेड कांस्टेबल और दो कॉन्सेटवल को सस्पेंड कर जांच के आदेश दिए हैं।
गुरुवार रात सहारनपुर के शहर कोतवाली अंतर्गत नुमाइश कैंप सेतिया विहार के रहने वाले अर्पित खुराना (16) पिता राकेश खुराना व सन्नी गुप्ता (17) पिता प्रवीण गुप्ता 10वीं के छात्र थे। गुरुवार रात करीब 11.40 बजे दोनों बाइक से घूमने निकले थे। इस दौरान इनकी बाइक अनियंत्रित होकर एक खंभे से जा टकराई और दोनों किशोर नाली में गिरकर गंभीर रूप से जख्मी हो गए।
आसपास के लोगों ने उन्हें नाली से बाहर निकाला। भीड़ ने तुरंत पुलिस कंट्रोल रुम को खबर दी। जब पुलिस घटना स्थल पर पहुंची तो लोगों ने पुलिस से घायलों को कार में डालकर हॉस्पिटल ले जाने की गुहार लगाई। लेकिन पुलिस ने यह कह कर घायलों को कार में बैठाने से इनकार कर दिया कि अगर हम इनको कार में बैठा लेंगे तो फिर सारी रात हम गंदी कार में कहां बैठैंगे। घटना ने पूरे सूबे की पुलिस पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सवाल यही है कि क्या यही है वो पुलिस जिसे आम इंसान की हिफाजत के लिए तैनात किया गया है?
बाबा साहेब को पढ़कर मिली प्रेरणा, और बन गईं पूजा आह्लयाण मिसेज हरियाणा
हांसी, हिसार: कोई पहाड़ कोई पर्वत अब आड़े आ सकता नहीं, घरेलू हिंसा हो या शोषण, अब रास्ता र…