Home Social क्या है योगी सरकार का यूपीकोका कानून, क्यों बताया जा रहा है जनता विरोधी ?
Social - State - Uttar Pradesh & Uttarakhand - December 21, 2017

क्या है योगी सरकार का यूपीकोका कानून, क्यों बताया जा रहा है जनता विरोधी ?

नई दिल्ली। यूपी सरकार ने क्राइम पर रोक लगाने के लिए मकोका यानी कि महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून की तर्ज पर माफिया और संगठित अपराध से निपटने के लिए एक नया कानून लाने जा रही है जिसका नाम है यूपीकोका। सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश कंट्रोल ऑफ अर्गनाइज्ड क्राइम यानी कि यूपीकोका विधेयक 2017 सदन में पेश कर दिया है। तो वहीं योगी सरकार द्वारा लाए जा रहे इस कानून का विपक्ष ने जमकर विरोध किया है। सपा मुखिया अखिलेश यादव और बीएसपी सुप्रीमों मायावती ने इस कानून को जनता विरोधी करार दिया है।

इन अपराधों पर रोक लगाने का प्रावधान

कहा जा रहा है कि मौजूदा कानूनी ढांचा संगठित अपराध पर नकेल कसने के लिए अपर्याप्त पाया गया है। इसलिए संगठित अपराध पर रोक लगाने के लिए यूपीकोका कानून लाया गया है। विल में विस्तार से बताया गया है कि फिरौती के लिए अपहरण, सरकारी ठेके में शक्ति प्रदर्शन, खाली या विवादित सरकारी जमीन या भवन पर जाली दस्तावेजों के जरिए कब्जा, बाजार और फुटपाथ विक्रेताओं से अवैध वसूली, शक्ति का प्रयोग अवैध खनन, धमकी या वन्यजीव व्यापार, धन की हेराफेरी, मानव तस्करी, नकली दवाओं या अवैध शराब का कारोबार, मादक द्रव्यों की तस्करी आदि इसके अंतर्गत रखा गया है। साथ ही विल में संगठित अपराध के लिए विशेष सजा का प्रावधान किया गया है।

क्या है सजा का प्रावधान ?

यूपीकोका एक ऐसा कानून है जिसके तहत अपराधियों के लिए सजा के काफी कड़े प्रावधान हैं। इस कानून के अंतर्गत आने वाले मामलों में अगर कोई अपराधी घोषित होता है तो उससे 25 लाख रुपए सजा के तौर पर वसूले जाएंगे. साथ ही 7 साल से लेकर आजीवन कारावास भी हो सकती है. सरकार को केस में ज्यादा नाटक लगा तो फांसी भी हो सकती है. मतलब एक बार इसके लपेटे में आ गए तो कम से कम 5 से 25 लाख रुपए आपसे हर हाल में वसूले जाएंगे। इस कानून की नोटिस करने वाली बात यह है जिसका विपक्ष भी विरोध कर रहा है कि इसके तहत सरकार के खिलाफ या उनकी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाना भी जुर्म माना जाएगा।

वहीं बीएसपी सुप्रीमों मायावती ने इस कानून का विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि यूपीकोका का इस्तेमाल, दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के दमन के लिए किया जाएगा। मायावती ने कहा है कि यह कानून जनहित के खिलाफ है लिहाजा इस बिल को वापस लिया जाना चाहिए।

तो वहीं अखिलेश यादव ने भी इस कानून को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने अपने ट्वीटर पर लिखा है कि “यूपीकोका नहीं ये धोखा है। फर्नीचर साफ करने के पाउडर को PETN विस्फोटक बताने वाले जनता को बहकाने में माहिर हैं। 9 महीनों में बीजेपी ने जन सुरक्षा से खिलवाड़ करते हुए न सिर्फ समाजवादी ‘यूपी100’ और महिला सुरक्षा की ‘1090हेल्पलाइन’ को ,बल्कि समाजवादी विकास पथ पर बढ़ते प्रदेश को रोका है।“

अखिलेश यादव ने अगले में ट्वीट में चुटकी लेते हुए लिखा कि नए साल का जनता को उत्तर प्रदेश सरकार का तोहफा, सेल्फी लेने पर लग सकता है यूपीकोका!

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