‘कानून व्यवस्था’ योगी सरकार के गले की ‘फांस’, सूबे में अपराधी ले रहे चैन की ‘सांस’ !
By- Aqil Raza
बीजेपी ने पिछले साल जिस कानून व्यवस्था के नाम पर यूपी की सत्ता से अखिलेश यादव को बेदखल किया था. अब वही सीएम योगी आदित्यनाथ के गले की फांस बनती जा रही है. सूबे की राजधानी में लगातार डकैतियां हो रही है और योगी सरकार इसे नियंत्रण करने में पूरी असफल नजर आ रही है. ऐसे में प्रदेश की बिगड़ी कानून व्यवस्था को समाजवादी पार्टी ने बीजेपी के खिलाफ सबसे बड़े हथियार के तौर पर इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है.
योगी आदित्यनाथ ने सूबे की कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए पुलिस को एनकाउंटर करने की खुली छूट दी है. सूबे में पिछले दस महीनों में यूपी पुलिस और अपराधियों के बीच 921 इनकाउंटर हुए, जिसमें करीब 31 अपराधी मारे गए. वहीं 196 घायल हुए. इसके अलावा 2214 अभियुक्त गिरफ्तार हुए हैं. ये आंकड़ा तो दर्शाता है कि कानून व्यवस्था एक दम सतर्क पेरों पर खड़ी हो गई होगी लेकिन जमीनी हकीकत तो कुछ और ही है।
हाल ही की अगर बात करें तो पिछले एक सप्ताह में प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हर रोज डकैती हो रही है और पुलिस इसे रोक पाने में पूरी तरह से असफल नजर आ रही है. इतना ही नहीं पुलिस एक भी डकैत को गिरफ्तार नहीं कर पाई है. ऐसे में समाजवादी पार्टी ने योगी सरकार को कानून व्यवस्था के नाम पर घेरना शुरू कर दिया है.
बुधवार को सपा का प्रतिनिधिमंडल इस संदर्भ में राज्यपाल राम नाईक से भी मिला. इसके बाद अखिलेश ने यूपी की कानून व्यवस्था पर सवाल करते हुए कहा कि लगता है राज्यपाल का टाइपराइटर छुट्टी पर चला गया है. बता दें कि अखिलेश सरकार के समय राज्यपाल राम नाईक लगातार सपा सरकार की विपलताओं पर सवाल खड़े करते थे.
अखिलेश ने गुरुवार को कहा कि बीजेपी ने सूबे की कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने का ठेका लिया था. पर एक साल की घटनाओं को देखें तो यूपी में ऐसी दर्दनाक घटनाएं हुई हैं जो सूबे के इतिहास में कभी नहीं हुई होंगी. अखिलेश ने कहा कि सरकार एक तरफ कहती है कि अपराधी यूपी छोड़कर बाहर चले जाए या फिर जेल में चले जाएं. दूसरी तरफ लगातार सूबे में अपराधिक घटनाएं हो रही है. बीजेपी की कथनी और करनी में फर्क है. विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के नेता कहते थे कि थाना कौन चला रहा है. योगी सरकार अब बताए कि थाना कौन चला रहा है.
आपको बता दें की पद्मावती पर करणी सेना के गुंडो के मचाए गए आतंक पर भी योगी सरकार की चुप्पी नहीं टूटी है, जबकि प्रदेश से गुंडागर्दी खत्म करने का स्लोगन बड़े बड़े मंचो पर लगाया जाता था.
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