‘योगी राज’ में ‘अखिलेश राज’ से ज्यादा बढ़ा अपराध, सीएम योगी के दावों का यह रहा असली सबूत
नई दिल्ली। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते नहीं थकते हैं. लेकिन जमीनी स्तर पर हालात क्या है यह बात जगजाहिर है किसी को समझाने की जरुरत नहीं है. सीएम योगी कई बार अपने भाषणों में इस बात का जिक्र करते रहे हैं कि सूबे में अब तक के बीजेपी के शासनकाल में एक भी दंगा नहीं हुआ है. योगी सूबे में सारी व्यवस्था सुधर जाने का दावा करते रहते हैं लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ शायद बहुत कुछ भूल रहे हैं या फिर सफेद झूठ बोल रहे हैं।
यूपी में हिंसा, दंगो का सबसे बड़ा मामला सहारनपुर में हुई जातिय हिंसा है. जिसमें ठाकुरों ने बहुजन लोगों पर हमले किए और खून- खराबा किया। बहुजनों के घरों में आग लगा दी गईं, दहसत का खौफनाक मंजर पैदा कर दिया। सहारनपुर कांड में बहुजन संगठन भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर उर्फ रावण को हिंसा का मुख्य आरोपी मानकर जेल में डाल दिया गया।
सीएम के दावों की असली हकीकत का उनके गृहजनपद में ही देखी जा सकती है. जहां बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भारी तादाद में मासूम बच्चों की मौत हुई।
एबीपी न्यूज पर प्रकाशित आंकड़ो के मुताबिक उत्तर प्रदेश में बीजेपी की शानदार जीत के बाद अपराध के आंकड़ों की हालत अखिलेश राज से और बदतर हुई है।
- 16 मार्च 2017 से 31 मई 2017 के बीच कुल अपराध की संख्या 58, 316 है, जबकि साल 2016 में इसी दौरान कुल अपराध की संख्या 73, 874 थी.
- योगी के शासनकाल में यूपी में रेप के 1136 मामले दर्ज किये गए, जबकि इसी दौरान 2016 में रेप के 781 मामले दर्ज हुए थे.
- योगी राज में डकैती के 67 मामले दर्ज किये गये हैं, जबकि इसी दौरान साल 2016 में डकैती के केवल 56 मामले सामने आये थे.
- योगी के शासनकाल में 16 मार्च 2017 से 31 मई 2017 के बीच लूट के 1027 मामले दर्ज हुए हैं, जबकि इसी दौरान साल 2016 में 795 मामले दर्ज हुए थे.
अब इन आंकड़ो को देखकर साफ तौर पर समझा जा सकता है कि यूपी में कानून व्यवस्था में कितना सुधार हुआ और अपराध पर कितना लगाम कसी है ?
The Rampant Cases of Untouchability and Caste Discrimination
The murder of a child belonging to the scheduled caste community in Saraswati Vidya Mandir…