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Opinions - Sports - March 28, 2017

भारत ने 8 विकेट से जीता धर्मशाला टेस्ट

धर्मशाला
भारत ने खूबसूरत हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ (एचपीसीए) स्टेडियम में खेले गए चौथे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया को 8 विकेट से हराकर सीरीज पर 2-1 से कब्जा कर लिया। टीम इंडिया ने इसके साथ ही लगातार 7 टेस्ट सीरीज जीत का रेकॉर्ड भी बनाया है। भारत को दूसरी पारी में 106 रनों की जरूरत थी, जो उसने चौथे दिन लंच के बाद दो विकेट खोकर हासिल कर लिया। तीसरे दिन भारत ने बिना विकेट खोए 19 रन बना लिए थे। चौथे दिन का खेल शुरू होने के बाद भारत ने मुरली विजय और चेतेश्वर पुजारा के विकेट खोकर यह लक्ष्य हासिल कर लिया। भारत की ओर से दूसरी पारी में केएल राहुल ने नाबाद 51 और अंजिक्य रहाणे ने नाबाद 38 रन बनाए।

भारत को पहला झटका मुरली विजय के रूप में लगा। पैट कमिंस की एक बाहर जाती गेंद विजय के बल्ले को छूकर सीधा विकेटकीपर मैथ्यू वेड के हाथ में गई। विजय ने आठ रन बनाए। इसके बाद चेतेश्वर पुजारा बिना खाता खोले रन आउट हो गए। पुजारा ने गेंद को कवर्स में खेला। राहुल और पुजारा के बीच असमंजस की स्थिति पैदा हुई। ग्लेन मैक्सवेल के थ्रो ने पुजारा को पविलियन का रास्ता दिखाया।

ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज जॉश हेजलवुड सधी हुई गेंदबाजी की। उन्होंने भारतीय बल्लेबाजों को काफी परेशान किया लेकिन 106 रनों का लक्ष्य चुनौती पेश करने लायक नहीं था।
इससे पहले भारत ने मुश्किल हालात से निकलते हुए 32 रनों की मामूली लेकिन अहम बढ़त ली। उसके बाद गेंदबाजों के बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर ऑस्ट्रेलिया को पूरे दो सेशन भी बल्लेबाजी नहीं करने दी और उसको दूसरी पारी में 137 रनों पर समेट दिया। भारत को जीत के लिए 106 रनों का आसान सा लक्ष्य मिला, जिसका पीछा करते हुए दिन का खेल खत्म होने तक मेजबानों ने बिना कोई विकेट खोए 19 रन बनाए थे।

भारत ने ऑस्ट्रेलिया के पहली पारी के 300 रनों के जवाब में अपनी पहली पारी में 332 रन बनाए थे। दूसरे दिन का अंत छह विकेट के नुकसान पर 248 रनों के साथ करने वाली भारतीय टीम संकट में नजर आ रही थी लेकिन रविवार के नाबाद बल्लेबाद रविंद्र जाडेजा (67) और रिद्धिमान साहा (31) ने सातवें विकेट के लिए 96 रनों की साझेदारी कर ऑस्ट्रेलिया को बैकफुट पर धकेल दिया और भारत को जरूरी बढ़त दिलाई। हालांकि बढ़त दिलाने के बाद यह साझेदारी ज्यादा टिकी नहीं और 317 के कुल स्कोर पर पैट कमिंस ने जाडेजा को बोल्ड कर इसे तोड़ा।

इस साझेदारी के टूटने के बाद भारतीय टीम को ऑल आउट होने में ज्यादा समय नहीं लगा। जाडेजा के जाने के एक रन बाद भुवनेश्वर कुमार बिना खाता खोले लौट लिए। इसी स्कोर पर कमिंस ने साहा को पवेलियन भेजा। कुलदीप यादव (7) आउट होने वाले आखिरी बल्लेबाज रहे। उमेश यादव दो रन पर नाबाद लौटे। भारतीय पारी में जाडेजा के अलावा लोकेश राहुल (60) और चेतेश्वर पुजारा (57) ने अर्धशतक लगाए। कप्तान अंजिक्य रहाणे ने 46 रनों का योगदान दिया। ऑस्ट्रेलिया के लिए नाथन लॉयन ने पांच विकेट लिए।

बल्लेबाजों के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम भारतीय गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया को परेशान किया। तीसरे दिन टी तक तक उसने 92 रनों पर ही अपने पांच विकेट खो दिए थे। डेविड वार्नर (6), मैट रेनशॉ (8), स्टीवन स्मिथ (17), पीटर हैंड्सकॉम्ब (18) और शॉन मार्श (1) पविलियन लौट गए थे। ऑस्ट्रेलिया को मैक्सवेल से काफी उम्मीदें थीं लेकिन तीसरे सत्र में मैक्सवेल के रूप में ऑस्ट्रेलिया ने अपना पहला विकेट खोया। वह रविचंद्रन अश्विन की गेंद पर पगबाधा करार दे दिए गए।

इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के विकेट गिरने का सिलसिला रूका नहीं। पूरी टीम 137 रनों पर ही ढेर हो गई। ऑस्ट्रेलिया ने तीसरे सत्र में 45 रन ही जोड़े। मैथ्यू वेड 25 रन पर नाबाद लौटे। भारत की तरफ से उमेश यादव, अश्विन और जाडेजा ने तीन-तीन विकेट लिए। भुवनेश्वर कुमार को एक विकेट मिला। ऑस्ट्रेलिया ने अपने कप्तान स्मिथ के 111 रनों और वेड की 57 रनों की पारी के दम पर 300 रन बनाए थे।

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