BCCI से 5 करोड़ सालाना सैलरी मांगी विराट कोहली ने
भारतीय क्रिकेटरों को ऐसा लगता है कि उनकी सैलरी दुनिया में खिलाडियों को मिल रहे पैसों के लिहाज से कम है. इसलिए विश्व के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड से उन्होंने पैसे बढ़ाने की मांग की है. भारतीय क्रिकेट बोर्ड यानी बीसीसीआई 2016-17 के वर्ष में 509.13 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है. उन्हें इस मांग से झटका लगा है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बनाई गई सीओए ने इस मांग को ठुकराया नहीं है.सीओए के मुताबिक बीसीसीआई अधिकारियों को ये बात पता है. सीओए ने बीसीसीआई के वर्तमान पदाधिकारियों को 5 अप्रैल के दिन हैदराबाद बुलाया है. सीओए ने क्रिकेटर्स को आईपीएल के दसवें संस्करण के खत्म होने तक रुकने के लिए कहा है.
सीओए के ऑफिशियल विनोद राय का कहना है कि इस मुद्दे पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी. 5 अप्रैल की मीटिंग का एजेंडा तय हो चुका है. बीसीसीआई अधिकारियों का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज जीतने के बाद विराट कोहली की तरफ से मांग आई. इसमें पैसे बढ़ाने के लिए कहा गया. सूत्रों के मुताबिक भारतीय कप्तान ने बताने की कोशिश की कि भारतीय क्रिकेटरों को दूसरे देश के मुकाबले कितने कम पैसे मिलते हैं. कोहली को पता चला कि भारतीय क्रिकेटर पैसे के मामले में इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बाद चौथे नंबर पर हैं. उसके बाद उन्होंने टीम के सीनियर सदस्यों से बात की. फिर सीओए से मीटिंग की इच्छा जताई. शुरुआत में सीओए इस मांग के सामने नहीं झुका. वजह ये थी कि नए कॉन्ट्रैक्ट में पैसे दोगुने कर दिए गए थे. ए ग्रेड के क्रिकेटर को दो करोड़ रुपये मिलते हैं, जिसमें विराट कोहली और पूर्व कप्तान एमएस धोनी हैं. ग्रेड बी में रिटेनरशिप के एक करोड़ और ग्रेड सी में 50 लाख रुपये मिलते हैं. इसके बाद कोहली ने जोर दिया कि वो और उनके टीम साथी कॉन्ट्रैक्ट से खुश नहीं हैं. उन्हें उतने पैसे नहीं मिल रहे, जितने वे चाहते थे. वे अब ग्रेड ए के लिए पांच करोड़, ग्रेड बी के लिए तीन करोड़ और ग्रेड सी के लिए डेढ़ करोड़ रुपए चाहते हैं. कोहली का तर्क है कि स्टीव स्मिथ, डेविड वॉर्नर और जो रूट जैसे क्रिकेटरों को उनके क्रिकेट बोर्ड ज्यादा पैसे देते हैं. इनके बोर्ड जो पैसे देते हैं, उससे भारतीय क्रिकेटर पैसों के मामले में चौथे स्थान पर खिसक जाते हैं.
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