भटकती आत्मा ने किया मौत के राज का खुलासा
संतोष नगर में घर के अंदर जमीन में दफन मिले पिंकी के कंकाल के मामले में जिस तरह से खुलासा हुआ है वह चौंकाने वाला है। पड़ोसियों की मानें तो पिंकी की आत्मा भटक रही थी। पिंकी लोगों के सपनों में आकर मौत का राज खोल रही थी। दावा है कि पिंकी की आत्मा अपनी दोस्त के सिर आई तो वह बेसुध होकर तड़पने लगी। फ्रेंड को सही कराने के लिए तांत्रिक का सहारा लिया गया। सराय ख्वाजा एरिया के संतोष नगर मुहल्ले में डेढ़ साल पहले लापता हुई 16 साल की स्टूडेंट का कंकाल शुक्रवार की रात पुलिस ने उसके घर से बरामद किया। सीएम विंडो और डीजीपी को किसी ने घटना की शिकायत की थी, जिसके बाद मामले की जांच पुलिस कमिश्नर डॉ. हनीफ कुरैशी ने सेक्टर-30 क्राइम ब्रांच को सौंपी थी। क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू की तो मोहल्ले के लोगों ने बताया कि लड़की की आत्मा ने अपने परिजनों पर हत्या का आरोप लगाते हुए घर में शव गाड़ने की बात बताई है। पड़ोसियों की इस कहानी पर क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार की रात घर में खुदाई शुरू कराई तो लड़की का कंकाल बरामद हुआ। क्राइम ब्रांच इंचार्ज सतेंद्र रावल ने बताया कि रोहतक मेडिकल कॉलेज में कंकाल को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। 14 जुलाई 2015 को संतोष नगर में 8वीं क्लास की स्टूडेंट पिंकी की मौत के बाद उसका शव परिजनों ने दाह संस्कार करने की बजाए अपने मकान के एक कमरे में पांच फुट गड्ढा खोदकर दबा दिया। इसके बाद रामबाबू के पड़ोसी अहमद ने दावा किया कि पिंकी की आत्मा उसकी दोस्त में बस गई। पिंकी अपने दोस्त के सिर आई, जिसके बाद उसकी दोस्त बेसुध होकर तड़पने लगी। इस कारण पीड़ित युवती के परिजनों ने एक तांत्रिक को उसका इलाज करने के लिए बुलाया। तांत्रिक ने इलाज शुरू किया तो पिंकी की दोस्त ने रोते हुए बताया कि उसकी आत्मा तो उसके मकान में दबी हुई है। पिंकी की आत्मा ने बताया कि उसके माता-पिता इस बारे में सब कुछ जानते हैं। उस समय पिंकी की मां मौके पर मौजूद थी। नवरात्र में यह घटना घटी, जिसके बाद पूरे मोहल्ले में तांत्रिक की बात का अंधविश्वास फैल गया। घटना की जानकारी कुछ लोगों ने पुलिस को देते हुए कार्रवाई का दबाव बनाना शुरू कर दिया। फांसी लगा लि थी तो भी पुलिस सूचना तो जरूरी ही थी ….. खैर पिंकी ने अपनी मौत का बदला तो ले ही लिया वैसे एक फिल्म का बढिया प्लॉट तैयार है लोगों के दबाव और पुलिस कमिश्नर से मिली शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की। पूछताछ के लिए पिंकी के पिता रामबाबू और भाई संतोष को पुलिस ने हिरासत में लिया। पहले तो दोनों पूरे मामले से इनकार करते रहे, लेकिन कुछ देर में ही टूट गए और पूरी घटना बता दी। रामबाबू और संतोष की निशानदेही पर पुलिस ने घर में खुदाई शुरू कराई तो पिंकी का कंकाल बरामद हो गया। पुलिस पूरे मामले में तांत्रिक की भी गतिविधि को संदिग्ध मान रही है। पुलिसकर्मियों के अनुसार तांत्रिक को घटना की जानकारी पहले से थी, जिसको वह अंधविश्वास का रंग देकर छिपाने की कोशिश कर रहा है।
रामबाबू के चार बच्चे हैं। रामबाबू की बड़ी बेटी लक्ष्मी शादीशुदा है, जबकि 2 बेटे संतोष और राजेंद्र हैं। 14 जुलाई 2015 को पिंकी की मौत हो गई थी। रामबाबू की परचून की दुकान है। पिंकी एक कंपनी में नौकरी करती थी। परिवार के लोगों ने उसकी नौकरी छुड़वा दी थी, जबकि पिंकी नौकरी करना चाहती थी। इस बात को लेकर पिंकी का अपने बड़े भाई संतोष और उसकी पत्नी से झगड़ा हो गया। आरोप है कि इसके बाद पिंकी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। रामबाबू का मकान करीब 60 वर्गगज में बना है, जिसमें 5 कमरे और एक दुकान हैं। दुकान के हिस्से में परिजनों ने पिंकी का शव दबाया था। शव दबाने में माता-पिता के अलावा भाई संतोष और उसकी पत्नी भी शामिल थी। परिजनों ने शव गाड़ने के बाद 2 बोरी नमक डालकर सीमेंटेड फर्श बनवा दी। यहीं कारण था कि पुलिस ने करीब ढाई घंटे की मेहनत के बाद कंकाल निकाला। शव पूरी तरह नहीं गला था। घटना वाले दिन पिंकी ने ब्लू कलर की पायजामी और रेड कलर का सूट पहना था। हालांकि पिंकी के मौत के कारणों का राज तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में ही खुलेगा, लेकिन पिंकी के परिजनों के खिलाफ शव को खुर्द-बुर्द करने का केस दर्ज हो सकता है।
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