बिहारमध्ये पूर का आहे, मुख्यमंत्री नितीशकुमार बेपत्ता आहेत, 56 दशलक्षाहून अधिक लोक प्रभावित झाले
बिहार कोरोना और बाढ़ की दोहरी समस्या से जूझ रहा है। राज्य में बाढ़ की वजह से 14 जिलों के करीब 50 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। बिहार में इस साल के अंत में चुनाव होने वाले हैं, इसलिए विपक्ष संकट से निपटने में कथित नाकामी को लेकर नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा है। और छोड़े भई क्यों नीतीश कुमार हाथ पर हाथ रखकर बैठे है ऐसा कहना है विपक्षी दलों का।
वहीं बिहार में लगातार हो रही बारिश की वजह से बाढ़ से लोग परेशान है। तो वहीं दूसरी तरफ बिहार कांग्रेस के वेरीफाइड फेसबुक पेज पर एक महिला की तस्वीर पोस्ट की गई, जो पानी से भरी एक गली से गुजर रही है। इस तस्वीर के साथ हिंदी में लिखा गया है, ‘नीतीश कुमार का सुशासन पानी में तैर रहा है। मुजफ्फरपुर, भागलपुर, बिहार शरीफ और पटना को स्मार्ट सिटी बनाने की लिए चुना गया था जो आज भी बरसात के पानी जलभराव से परेशान है, बिहार का संकल्प, बदलाव ही विकल्प.’
लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें की बिहार में लगातार बारिश के बाद अब बाढ़ से हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं। 14 जिलों की करीब 56 लाख से ज्यादा आबादी बाढ़ से प्रभावित है। आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, प्रदेश के 14 जिलों सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चंपारण, खगडिया, सारण, समस्तीपुर, सिवान और मधुबनी में बाढ़ का कहर देखने को मिल रहा है। वहीं मौसम विभाग के मुताबिक, बिहार में अगले दो दिन में जोरदार बारिश हो सकती है। दक्षिण पूर्वी बिहार में भारी बारिश का अनुमान है।
साथ ही साथ प्रदेश के कई जिलों में अगले दो दिन बारिश की संभावना है। कुछ जगहों पर भारी बारिश भी हो सकती है। जानकारी के मुताबिक, दक्षिण पूर्वी बिहार में जोरदार बारिश की संभावना जताई गई है। आज कुछ जिलों में छिटपुट बारिश हो सकती है, आम तौर आज मौसम साफ रहने का अनुमान है।
लेकिन सवाल ये है की नीतीश कुमार बाढ़ को लेकर सिर्फ हवाई सर्वे करके रह जाते है अपने वादों को धरातल पर कब उतरेंगे। जनता से किए गए वादे कब पूरे होंगे ये सरकार से बहतर कोई नहीं जानता लेकिन जनता कब तक आस में बैठी रहेगी सरकार को जनता के लिए अब तो कदम उठाने चाहिए।
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