Home State Bihar & Jharkhand राम के नाम पर बिहार से लेकर बंगाल तक हिंसा, 2 की मौत कई पुलिसकर्मी घायल

राम के नाम पर बिहार से लेकर बंगाल तक हिंसा, 2 की मौत कई पुलिसकर्मी घायल

By- Aqil Raza

देश के अलग-अलग शहरो में जिस दिन रामनवमी को लेकर झांकी निकाली जा रही थी उसी दिन इस जुलूस को लेकर कई जगहों से हिंसा की खबरे भी सामने आई। जुलूस को लेकर पश्चिम बंगाल में दूसरे दिन भी हिंसा की कई घटनाएं हुई. खास तौर पर मुर्शिदाबाद और बर्द्धमान जिलों में संगठनों के सदस्यों और पुलिस के बीच झड़प हुई. पुलिस के अनुसार ऐसे ही एक झड़प में पुलिस टीम के ऊपर बम भी फेंका गया. जिसमें एक वरिष्ट पुलिस अधिकारी को अपना हाथ गवाना पड़ गया।

आपको बता दें कि रविवार को पुरुलिया में एक जुलूस के दौरान दो समूहों के बीच झड़प में दो लोगों की मौत हो गई थी और पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. राज्य में हो रही हिंसा के मद्देनजर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बीजेपी समर्थकों ने पश्चिम बंगाल में रविवार को कई स्थानों पर सरकारी प्रतिबंध की अनदेखी करते हुए सशस्त्र रैली निकाली. इस रैली में तथकाथित भगवाधारियों ने हाथ में तलवार, त्रिशुल जैसे धारदार हथियार ले रखे थे, जिसपर प्रशासन ने प्रतिबंध लगा रखा था। जब प्रशासन ने इन भगवाधारियों को रोकने की कोशिश की तो ये लोग पुलिस से भी भिड़ गए। जिसके बाद इन लोगों ने कानून को अपने हाथों में लेकर काफी हद तक तोड़फोड़ भी की। और हालात बिगड़ गए.

आपको बता दें कि जुलूस के दौरान ऐसी ही हिंसा की खबरें मुर्शिदाबाद के कंडी इलाके से भी सामने आई. यहां पर रामनवमी जुलूस में हिस्सा लेने वाले लोगों ने तलवार और त्रिशूल से लैस होकर थाने में घुसने का प्रयास किया. इस दौरान उन्होंने जमकर तोड़फोड़ की. घटना में 10 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. पश्चिम बंगाल के अलग शहरों में हुई इस हिंसा ने कई सवालों को जन्म दे दिया है।

सवाल इस बात का है कि त्योहार के अवसरो पर उपद्रव मचा रहे इन तथाकथित भगवाधारी गुंडो को किसका संरक्षण मिल रहा है। क्या यह सच नहीं है कि इस तरह की हिंसक घटनाओं के पीछे सियासतदारों का हाथ होता है. सवाल ये भी है कि आखिर कब तक ये लोग तोड़फोड़ करके देश की आर्थिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचाते रहेंगे।

सूबे में बिगड़े हालात को देखते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इन गुंडो खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया। सीएम ने इस हिंसा को लेकर कहा कि कानून अपना काम करेगा और ऐसे लोगों को बख्सा नहीं जाएगा. सीएम ने ये भी कहा कि क्या राम ने कहा था कि हथियारों के साथ ही रैली निकाली जाए।

वहीं बिहार के औरंगाबाद में भी रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान लोग भड़क उठे। ओल्ड जीटी रोड के पास जामा मस्जिद के करीब 50 दुकानें जला दी गई। पत्थरबाजी में 20 पुलिसकर्मी समेत 60 से ज्यादा लोग घायल हो गए। ये कोई पहला मामला नहीं है जब धर्म, आस्था या संस्कृति के नाम पर हमारे देश को उपद्रवियों ने नुकसान पहुंचाया हो। इससे पहले भी कई संगठनों ने ऐसा किया है।

आपको याद होगा की बलात्कारी बाबा राम रहीम की गिरफ्तारी को लेकर हरियाणा समेत देश के कई राज्यों में आगजनी और तोड़फोड़ की गई थी। इसके बाद फिल्म पद्मावति के विरोध को लेकर करणी सेना ने अपना आतंक दिखाया था। यहां तक की अपनी कायरता दिखाते हुए स्कूली बच्चों की बस को भी निशाना बनाया था। ये वो घटनांए है जिसने हमारे संविधान, हमारे कानून और सिस्टम को खुलेतोर पर चुनोती दी हैं।

आपको बता दें कि ऐसे और भी कई संगठन है जिन्होंने एक खास समुदाय को निशाना बनाकर भी इस देश की आर्थिक स्थिति को नुकसान पहंचाया है. और ये वो लोग हैं जो अपने आप को राष्ट्रप्रेमी कहते है। साथ ही इस देश के नागरिकों को देशभक्ति का सार्टिफिकेट भी बांटते फिरते हैं।

रामनवमी के त्योहार पर निकल रही झांकियों की एक तस्वीर ऐसी भी सामने आई जिसे देखकर सबके होश पाख्ता हो गए। राजस्थान के जोधपुर में झांकी में श्रीराम के अवतार में शंभू रैगर को दिखाया गया. ये वहीं शंभू रैगर है जिसने 7 दिसंबर, 2017 को राजस्थान के राजसमंद जिले में एक मुस्लिम शख्स अफराजुल की लव जिहाद का नाम देकर हत्या कर दी थी। त्योहार पर निकलने वाले जुलूस के मौके पर हत्या के मामले में फंसे एक शख्स का इस तरह से सम्मान करने पर हंगामा मच गया।

सवाल इस बात का है कि एक हत्या के आरोपी जिसने एक बेहद ही खौफनाक तरीके से मुस्लिम शख्स की जिंदा जलाकर हत्या कर दी थी. क्यों उसको हिरो बनाकर पेश किया गया? आखिर एक हत्या के आरोपी को श्रीराम के अवतार में दिखाना कितना सही है। जरा विचार करिए इन घटनाओं पर और सोचिए कैसा माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है. आखिर किसे फायदा होता इन संप्रदायिक घटनाओं से, कौन है इनका मास्टरमाइंड? क्यों इस तरह की घटनाएं सबसे ज्यादा चुनाव से पहले देखने को मिलती है, क्या ये घटनाएं 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में माहौल बनाने के लिए तो नहीं की जा रही है.

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