कोरोना का बढ़ता कहर, 112 पीड़ितों की पुष्टि, इंडो-नेपाल बॉर्डर सील
भारत में भी अब कोरोना वायरस अपना पैर पसारने लगे है. कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़कर 112 हो गई है. जिसको देखते हुए एहतियान के तौर पर भारत-नेपाल की सीमा पर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. इसके साथ ही एक महीने तक विदेशियों के आवाजाही पर पाबंदी लगा दी गई है.
वहीं भारत में कोरोना के बढ़ते कहर को देखते हुए सरकार ने ऐलान किया है कि नेपाल के रास्ते से भूटान और नेपाल के नागरिक ही भारत में आ सकेंगे और नेपाल में भी केवल भारत के नागरिक ही प्रवेश कर सकेंगे. जानकारी देते हुए बलरामपुर के जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने बताया कि गृहमंत्रालय के निर्देश पर नेपाल-भारत की सीमा को सील किया गया है.
उन्होंने आगे बताया कि नेपाल के रास्ते से केवल भारतीयों और भूटानियों को ही आने की अनुमति मिली है. इसके अलावा दुनिया के किसी भी देश के नागरिक को प्रवेश नही दिया जाएगा. जिलाधिकारी ने कहा कि यह सभी कदम भारत में बढ़ते कोरोना वायरस के कहर को देखते हुए लिए गए है. नेपाल से आने वाले रास्तों पर एसएसबी को लगाया गया है ताकि सभी आने-जाने वाले लोगों की चैकिंग की जा सके.
गौरतलब है कि भारत में कोरोना वायरस के 2 मरीजों की मौत हो चुकी है और लगभग 112 मरीज कोरोना वायरस से संक्रमित है. देश में ऐसी महामारी को देखते हुए सरकार ने कई कदम उठाए है. कोरोना वायरस के कारण स्कूल,कॉलेज और भारी संख्या में मौजूद होने वाली जगहों को भी बंद कर दिया गया है. सीएम केजरीवाल ने आज प्रेस कॉन्फ्रेस किया. उन्होने कहा कि नाइट क्लब, जिम, स्पा और 50 से ज्यादा संख्या में एकत्रित नही होने का ऐलान किया है.
साथ ही भारतीय रेलवे ने भी भारत और बांग्लादेश के बीच चलने वाली यात्री रेल सेवा को एक महीने तक के लिए रोक दिया है. ये रोक 15 मार्च से लगा दी गई है जो 15 अप्रैल तक रहेगी और इसका असर दोनों देशों के बीच चलने वाले मैत्री एक्सप्रेस और बंधन एक्सप्रेस पर पड़ेगा. कोरोना के बरपे कहर के कारण नेपाल ने शनिवार रात 12 बजे से इंडो-नेपाल बॉर्डर को विदेशियों के अवागमन के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया है.
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