गुरुग्राम: होली के दिन मुस्लिम परिवार पर किया हमला, कहा “पाकिस्तान जाओ”
By- Aqil Raza ~
एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ गुंडे एक परिवार के सदस्यों को पीटते हुए नज़र आ रहे हैं। वीडियों में परिवार कि महिलाओं की अवाज़े भी सुनी जा सकती हैं और वो उन गुंडो से रहम की भीक मांग रही है। नीचे पड़े एक शख्स को वो गुंडे लहुलुहान कर देते हैं।
वीडिया की पड़ताल के बाद पता चला कि यह घटना गुड़गांव के धमसपुर गांव की है, जहां होली के दिन एक मुस्लिम परिवार और उनसे मिलने आए रिश्तेदारो को बेरहमी से पीटा गया।
आरोप है कि होली के दिन 20 25 लोग मुस्लिम परिवार के घर में आए और उनपर हमला कर दिया। पीड़ितों का आरोप है कि वो घर के पास खाली प्लोट में क्रिकेट खेल रहे थे, तभी 2 अज्ञात लोग आकर पूंछते हैं कि तुम यहां क्या कर रहे हो? तुम पाकिस्तान चले जाओ और वहां जाकर खेलो। इसके बाद वो लोग लड़ने लगे, जब पीड़ित के चाचा ने बीच बचाव कराने की कोशिश की तो दूसरे शख्स ने उन्हें थप्पड मार दिया। और उसके बाद धमकी देकर वहां से वो दोनो लोग चले गए।
पीड़ितों ने बताया कि उसके 10 मिनट बाद 3 बाइको पर 6 लोग और कुछ लोग पैदल ही उनके घर की तरफ आते हैं। उनके हाथ में भाला लाठी, डंडे थे और सीधा घर में घुसकर परिवार पर हमला कर देते हैं।
जिसके बाद का वीडियो हमारे सामने आ चुका है परिवार के कुछ सदस्य जान बचाने के लिए घर की छत पर छुपे होते हैं और कुछ सद्सयों को नीचे गुंडे पीट रहे होते हैं। परिवार कि महिलांए चिल्ला कर रोकने की कोशिश करती है लेकिन आज के भारत में नफरतों की आवाज़ के सामने उन महिलाओं कि अवाज़ फींकी पड़ती हुई नज़र आती है।
नफरतों कि सारी हदें तोड़कर एक परिवार पर यह यह गुंडे आतंक बरसाते रहे, और होली के दिन मुस्लिम परिवार के सदस्यों को लहूलुहान कर दिया।
सारा देश आतंकवाद से जूझ रहा है और उसके खिलाफ खड़ा है लेकिन इस तरह देश के अंदर बढ़ रहे आतंक को क्यों नहीं रोका जा रहा है। आपको याद होगा कि इससे पहले भी नमाज़ पढ़ने को लेकर कुछ भगवा धारी गुंडो ने नमाज़ियों के साथ मारपीट की थी, शिकायत के बाद भी राज्स सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया था, यहां तक कि कई हिंदू संगठन इन गुंडो के समर्थन में उतर आए थे। जिससे यह समझा जा सकता है कि एक समुदाय के प्रति नफरत उन्हें ऐसा करने को मजबूर करती है।
हमें नहीं पता कि जो लेग इस वीडियो को देख रहे हैं वो कौन से धर्म या जाति से आते हैं लेकिन अगर आप इसतरह की शर्मनाक घटनाओं का विरोध नहीं कर रहे हैं, हमारे देश में ऐसा होने पर अगर आपको कोई फर्क नहीं पड़ रहा है तो समझ लीजिए की आप ज़िंदा लाश बन चुके हैं, आपके अंदर की इंसानियत मर चुकी है।
आग चाहे कहीं भी लगे लेकिन धुंआ और आंच आपको रुला देती है, इसलिए बहतर होगा कि इस तरह के आतंकी घटनाओं का हमें विरोध करना चाहिए।
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