एक दिन दो हादसे, मजदूरों की मौत, जिम्मेदार कौन ?
देश में मजदूरों पर लॉकडाउन के कारण कहर टूट पड़ा है. जहां एक ओर रोजी-रोटी की किल्लत है तो वहीं दूसरी ओर अब उनकी जान भी खतरे में है. बीते कई दिनों से लगातार एक के बाद एक घटनाएं मजदूरों के साथ हो रही है, जो बेहद ही दर्दनाक है. इस बीच अब मजदूरों की मौत की खबरे रविवार को फिर से आई. जहां कुल चार लोगों की मौत हो गई और 32 लोग घायल हो गए.
देश के अलग-अलग राज्यों से मजदूरों के पलायन को लेकर उनके साथ दुर्घटना की खबरों ने तूल पकड़ लिया है. रविवार को एक बार फिर दिल-दहला देने वाली आई. पश्चिम बंगाल में जलपाईगुड़ी जिले के धुपगुड़ी में सड़क दुर्घटना होने से बस में सवार 32 मजदूर घायल हो गए. जानकारी के मुताबिक घायलों को जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया.
वहीं मध्यप्रदेश के बड़वानी में भी दर्दनाक हादसा हुआ. जहां चार मजदूर महाराष्ट्र से इंदौर घर वापसी के लिए लौट रहे थे. लेकिन इस बीच चारों मजदूरों की टैंकर ट्रक से कुचलकर मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक जिनकी मौत हुई उनमें प्रवासी मजदूर, उसकी पत्नी और दो अन्य लोग थे. हालांकि इस बीच घटना की जांच की कोई खबर नही है.
बता दें कि मजदूरों के साथ हो रही घटनाएं बढ़ती ही जा रही है. जिसके बाद भी सरकार और प्रशासन सो रही है. मजदूरों की वापसी के लिए भले ही ट्रेनें चला दी गई हो लेकिन अब भी सैंकड़ों मजदूर घर पैदल लौटने को मजबूर है. इन सभी घटनाओं के बाद मजदूरों का सरकार पर से भरोसा ही उठ गया है. लिहाजा अब तो न्यायपालिका ने भी अपना दरवाजा बंद कर लिया है. ऐसा लगता है मानों गरीब मजदूरों की चीख उनकी कानों में गूंजनी बंद हो गई हो. अदालत ने भी इस मामले पर शुक्रवार को सुनवाई टाल दी.
लेकिन इससे पहले भी मजदूरों की मौत की खबर लगातार सामने आती रही है. अब देखने वाली बात ये होगी कि मजदूरों की घर वापसी को लेकर सरकार कब संज्ञान लेती है.
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