अब आगरा में बहुजनों पर अत्याचार, हाथ पर हाथ रखकर बैठी योगी सरकार !
बहुजनों पर लगातार अत्याचार बढ़ता जा रहा है जिससे यही साफ हो रहा है की मोदी सरकार में लोगों से बरारबरी का हक छइन लिया गया है। लेकिन गौर करने वाली बात ये है की बहुजनों पर अत्याचार सबसे ज्यादा उसी राज्यों में हुए है जहां बीजेपी की सरकार है। अभी गुना का मामला लोगों के जहने में ही था की एक औऱ मामला आघरा से सामने आया जहां ठाकुर समाज ने बहुजनों को अंतिम संस्कार करने से साफ इंकार कर दिया।
दराअसल पूरा मामला यूपी के आगरा का है जहां बहुजन महिला के शव का अंतिम संस्कार किया जा रहा था, शव चिता पर था। शव को मुखाग्नि दी जाती इससे पहले ही कुछ लोगों ने अंतिम संस्कार रोक दिया। अंतिम संस्कार ये कहते हुए रोका गया कि जिस महिला का अंतिम संस्कार हो रहा है वो बहुजन महिला का है। जिसके बाद मजबूरन परिजनों को चिता से शव उठाना पड़ा और किसी और जगह अंतिम संस्कार किया।
वहीं शमशान घाट से शव हटाने का ये मामला अब गरमाने लगा है। इसे लेकर बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने जमकर हमला बोला है। उन्होंने इस मामले में उप्र सरकार से उच्च स्तरीय जांच की मांग उठाई है, मायावती ने मंगलवार को ट्वीट किया, “यूपी में आगरा के पास एक दलित महिला का शव वहां के जातिवादी मानसिकता रखने वाले उच्च वर्ग के लोगों ने इसलिए चिता से हटा दिया, क्योंकि वह शमशान-घाट उच्च वर्ग का था। यह अति-शर्मनाक व अति-निन्दनीय भी है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में एक दलित महिला के शव को लोगों ने करीब सप्ताह भर पहले चिता से उठवा दिया। परिवार वालों ने गांव के बाहर एक शमशान में अंतिम संस्कार की तैयारी की, लेकिन कुछ दबंगों ने वहां पहुंचकर शव को चिता से उठवा दिया।
अब बढ़ा सवाल यही है की इस सरकार में कब तक एक समाज को निशाना बनाया जाएगा। और जो इस समाज के लिए आवाज उठा रहे है सरकार उनकी आवाज दबा रही है। लेकिन पुलिस और प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई एक्शन ना लेना ये बयां कर रहा है की सरकार सिर्फ औऱ सिर्फ अपना विकास कर रही है।
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