मध्यप्रदेश। एससी/एसटी एक्ट में बदलाव के खिलाफ भारत बंद के समर्थक सड़कों पर उतर गए और पूरे देश में आन्दोलन किया. सोशल मीडिया के आहवान से एकजुट जनता ने कल 2 अप्रैल को भारत बंद का एलान किया था. दिन ढलने के साथ ही हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश से हिंसा की खबरें आने लगी. कही आगजानी तो कही पुलिस से टकराव की खबरें सामने आ गयीं. पंजाब में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं. देशभर से आगजनी और बर्बर पुलिस लाठीचार्ज के वीडियो सोशल मीडिया पर आने लगे. कई जगहों पर रेल परिचालन भी रुका तो बाजार भी बंद रहे. प्रदर्शन के दौरान कुल 14 लोगों की मौत होने की ख़बर आयी है.
लेकिन शाम तक दलितों के इस आंदोलन को लेकर मीडिया के एक हिस्से में अलग-अलग कहानियां आनी शुरू हो गई. सवर्ण खुले तौर पर विरोध करते नजर आए जो सोशल मीडिया पर खूब अनाप सनाप लिखते रहे यह सिर्फ तर्कों के आधार पर ही नहीं बल्कि जातीय आधार पर बोले.
मीडिया बहुजनों को विलेन बनाने पर उतर चुकी थी लेकिन मोड़ तब आया जब मध्य प्रदेश के ग्वालियर से आए एक वीडियो से गढ़नी शुरू की. उस वीडियो में एक व्यक्ति खुलेआम भीड़ के बीच से लोगों के ऊपर रिवॉल्वर से गोलियां चला रहा है.
गोली चलाने वाला प्रदर्शनकारी बहुजनों की रैली में नहीं था यह साफ नजर आया. यह वीडियो सोशल मीडिया और टीवी चैनलों के मार्फत दर्शकों तक पहुंचा. इसमें सफेद रंग का शर्ट पहने एक युवक गोली चला रहा है. वीडियो भीड़-भाड़ और अफरा-तफरी में बना हुआ है. इसमें यह साबित करना मुश्किल होता है कि प्रदर्शनकारी है या नहीं. क्योंकि भीड़ में वह प्रदर्शनकारी जैसा ही दिखता है. यही वीडियो तमाम टीवी चैनलों और वेबसाइटों पर दिखाई जाने लगी और बहस इस ओर मोड़ दी गई कि बंद की आड़ में प्रदर्शनकारी खुलेआम गोलियां चला रहे हैं, हिंसा कर रहे हैं.
जबकि सच्चाई यह थी वीडियो में गोली चला रहे शख्स का नाम है राजा सिंह चौहान. वह क्षत्रिय है. राजा सिंह दलित प्रदर्शनकारी नहीं था, बल्कि वह दलित प्रदर्शनकारियों के ऊपर गोली चला रहा था. राजा सिंह के फेसबुक अकाउंट से कई सुराग मिलते हैं. हालांकि अब उसने अपना फेसबुक एकाउंट प्राइवेट कर दिया है. लेकिन उसके फेसबुक पेज पर मिले फोटो और पोस्ट बताते हैं कि वह कट्टर हिंदुवादी, बंदूकप्रेमी है. उसने अपने एकाउंट से भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय का बयान शेयर किया है. तलवारों और बंदूकों के साथ उसकी कई तस्वीरें हैं.