अब केरल में भी खुलेंगी शराब की दुकानें, बार-होटल को भी MRP पर बिक्री की इजाज़त !
देशभर में जहां एक तरफ कोरोना से हाहाकार मचा हुआ था।तो वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्हे ना तो अपनी पड़ी थी।और ना ही अपने परिवार की, उन्हे पड़ी थी तो सिर्फ और सिर्फ अपनी शराब की।दराअसल लॉकडाऊन की वजह करीब 50 दिन तक शराब की दुकानें बंद रही।जहां एक तरफ गरीब बच्चों और महिलाओं को खाने की पड़ी थी,तो वहीं दूसरी ओर लोगों को शराब की भूख लगी थी।
जैसे तैसे लोगों ने अपने 50 दिन पूरे किए बस उसके बाद सरकार ने शराब के ठेके खोलने के निर्देश दिए।जब सरकार ने शराब के मामले पर सियासत गर्म होती देखी तो सरकार ने अर्थव्यवस्था का हवाला देते हुए विपक्षी दलों को शांत किया।बस फिर क्या था शराब की दुकानें खुली और लोग दुकानों पर ऐसे टूटे जैसे इसके बिना जिंदा ही नहीं रह सकते।यहां तक की इस भीड़ में महिलाएं भी शामिल नजर आई।
तो वहीं ये जंग बीजेपी और कांग्रेस के बीच मध्यप्रदेश में नजर आई।जहां मध्य प्रदेश में राज्य की आबकारी नीति में एक प्रस्तावित संशोधन को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच जंग हुई।जिसको लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर शराब की बिक्री को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।तो वहीं कांग्रेस ने शिवराज सिंह चौहान सरकार पर देशी शराब की लॉबी के हितों को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया।
लेकिन वहीं अब कोरोना वायरस महासंकट के बीच अब धीरे-धीरे लॉकडाउन में ढील देना शुरू हो गई है…जिसके तहत अब केरल सरकार ने राज्य में शराब की दुकानें खोलने का फैसला लिया है। पहले केंद्र सरकार की ओर से मिली इजाजत के बाद भी राज्य में इन दुकानों को बंद रखा गया था, हालांकि, इन दुकानों को कब से खोल पाएंगे सरकार ने इसकी तारीख नहीं बताई है।
जानकारी के लिए बता दें की राज्य में कुल 301 बड़ी शराब की दुकानें हैं, जिन्हें एक साथ खोलने का फैसला लिया गया है।इस दौरान सरकार की ओर से कुछ नियम बनाएं जाएंगे, ताकि दुकानों पर अधिक से अधिक लोग एकत्रित ना हो पाएं।सभी आउटलेट के लिए एक वेब पोर्टल तैयार किया गया है, जिसके जरिए बुकिंग करके वो अपनी डिलीवरी मंगवा सकेंगे।बार-होटल को एमआरपी पर ही शराब बेचने की इजाजत होगी।बता दें कि शराब के जरिए राज्य सरकारों का बड़ी मात्रा में राजस्व आता है, ऐसे में कई जगह दुकानों को खोला गया है।
बता दें कि केरल उन राज्यों में शामिल हैं जहां पर कोरोना के मामले सबसे पहले आए थे।हालांकि अब यहां कोरोना वायरस के नए केस आने काफी कम हुए हैं।केरल में अभी कोरोना के कुल 534 केस ही हैं, जिनमें से 490 को ठीक किया जा चुका है।राज्य में कोरोना की वजह से अभी तक 4 की मौत हुई है।लेकिन अगर सरकार के हालात आगे भी ऐसे रहे और लोगों को खाना नहीं मिला तो लो खाने के लिए कुछ भी करने को आसानी से तैयार हो जाएंगे।सरकार को शराब के साथ-साथ गरीब मजदूर लोगों के लिए राशन और अन्य सुविधाओं के बार में भी सोचना चाहिए।
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