अब 1 फरवरी को संसद का कूच करेंगे किसान !
देशभर में आज 72वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। वहीं, कृषि कानून के खिलाफ पिछले दो महीनों से आंदोलन कर रहे किसान दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकाल रहे हैं। सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर किसान पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़कर दिल्ली की सीमा में दाखिल हो गए। इसके साथ ही आईटीओ पर काफी बवाल मचा हुआ है। किसानों के पथराव के बाद कई पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। वहीं, एक ट्रैक्टर पलटने से ट्रैक्टर चालक किसान की मौत हो गई है। जबकि कई घायल बताए जा रहे हैं। किसानों ने लाल किले पर अपने झंडे फहराए हैं।
किसानों के नाम पर दिल्ली में खुलेआम गुंडागर्दी पर उतरे लोगों ने तिरंगा उतार कर अपना झंडा फहराने की कोशिश की। इतना ही नहीं दिल्ली के तमाम बॉर्डर पर जमा प्रदर्शनकारी की हरकत देखकर आज पूरा देश हतप्रभ है। लोग यह सोचने पर मजबूर हैं कि आखिरकार यह कौन लोग हैं, कम से कम किसान तो नहीं है।
क्योंकि लोगों ने आज तक किसानों के हाथ में हल देखा था तलवार नहीं। और यह कैसे किसान हैं जो लाल किले पर चढ़ाई कर रहे हैं। पुलिस वाले पर पथराव, आगजनी, बस पर हमला कोई किसान कैसे कर सकता है।
दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर तांडव करने वाले तथाकथित किसान के नेता अब 1 फरवरी की तैयारी में भी जुटे हुए हैं। गणतंत्र दिवस के मौके पर हंगामा खड़ा कर दुनिया को भारत में सब कुछ ठीक नहीं है यह दर्शाने की कोशिश करने वाले अब 1 फरवरी को संसद भवन की ओर कूच करने की तैयारी करेंगे।
तिरंगे का अपमान करने वाले यह प्रदर्शनकारी का यह प्रदर्शन नहीं बल्कि इसे सीधे तौर पर दंगा कहा जा सकता है। जरा सोचिए आज के इस घटना को पूरी दुनिया में किस नजरिए से देखा जाएगा। यानी खालिस्तान समर्थक पाकिस्तान और चीन जिस तरीके का उपद्रव भारत में चाहता था। यह प्रदर्शनकारी पूरी तरह से उनके मंसूबों को अंजाम देते नजर आ रहे हैं।
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