किसानों की आज की बैठक अहम, सरकार प्रस्ताव पर लेंगे फैसला
नए कृषि कानूनों की वापसी को लेकर किसानों और केंद्र सरकार के बीच गतिरोध बरकरार है. किसान यूनियनों ने बातचीत के लिए सरकार की नई पेशकश पर विचार के लिए शुक्रवार को बैठक की थी. संगठनों में से कुछ ने संकेत दिया कि वे मौजूदा गतिरोध का हल खोजने के लिए केंद्र के साथ बातचीत फिर से शुरू करने का फैसला कर सकते हैं. यूनियनों ने कहा कि शनिवार यानी आज उनकी एक और बैठक होगी, जिसमें ठहरी हुई बातचीत को फिर से शुरू करने के लिए केंद्र के न्यौते पर कोई औपचारिक फैसला किया जाएगा. केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के एक अधिकारी ने भी कहा कि सरकार को उम्मीद है कि अगले दौर की बैठक दो-तीन दिनों में हो सकती है.
किसान आंदोलन का 31वां दिन है. अपनी मांगों को लेकर किसान दिल्ली के सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर डटे हुए हैं. अलग-अलग राज्यों से किसानों के धरनास्थल पर पहुंचने का सिलसिला लगातार जारी है. गाजीपुर बॉर्डर पर डटे किसानों का आरोप है कि UP और उत्तराखंड पुलिस-प्रशासन किसानों को वहां पहुंचने से रोक रहा है.
किसानों और सरकार के बीच अब तक 6 दौर की बैठकें हो चुकी हैं लेकिन सभी बेनतीजा रहीं. दो दिन पहले एक बार फिर सरकार ने किसानों को बातचीत का प्रस्ताव दिया था. इसी प्रस्ताव पर आज संयुक्त किसान मोर्चा की 2 बजे महत्वपूर्ण बैठक होगी. इस बैठक में देश के 40 किसान संगठन शामिल होंगे. इस मीटिंग में सरकार से बातचीत पर आखिरी फैसला होगा.
कई किसान यूनियनों की शुक्रवार को बैठक हुई लेकिन केंद्र के ताजा पत्र को लेकर कोई फैसला नहीं हो सका. कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने विरोध कर रहे किसान यूनियनों को बृहस्पतिवार को एक पत्र लिखा और उन्हें नए सिरे से बातचीत के लिए आमंत्रित किया.
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