कोरोना : इन देशो ने ऐसा क्या किया? जो पीएम मोदी को भी करना चाहिए था!
कोरोना के इस महामारी में दुनिया को समझ नही आ रहा कि कोरोना को कैसे हराया जाएं। वही दुनिया के 18 देश ऐसे है जो कोरोना को रोकने में कामयाब हो गए है, इन सभी देशो की मिसाल हर कोई दे रहा। दुनिया में ऐसे करीब ड 18 द्वीप और देश हैं। जो कोरोना वायरस की इस महामारी में घरों में कैद होने के बजाए बीच पर पार्टियां कर रहे हैं। जब लगभग पूरी दुनिया इस वायरस की चपेट में है. तब इन जगहों तक वायरस का ना पहुंचना हैरान करता है। यहां पर स्तिथी समान्य है।

अब तक पूरी दुनिया में करीब 42 लाख लोगों को कोरोना बीमार कर चुका है। लगभग 3 लाख लोगों की जान ले चुका है. 190 से ज़्यादा देश इस वायरस से जूझ रहे हैं। दुनिया की एक तिहाई आबादी घरों में कैद है। सब कुछ मानो रूक सा गया है। मगर इसके बावजूद इसी दुनिया के कुछ देश ऐसे भी हैं, जहां कोरोना पहुंचा ही नहीं। ये वो देश हैं जिन्होंने अपने-अपने देशों की सरहद को वक्त रहते सील कर दिया था।

किरिबाटी, अमेरिकन समोआ, लेसोथो, मार्शल आईलैंड, मिक्रोनीशिया, नाउरू, पलऊ, समोआ, सोलोमन आईलैंड, टोंगा, टुवालू, वानुआतू, टोकेलाउ, निउ, द कुक आइलैंड, सालमन, तुर्केमेनिस्तान और नॉर्थ कोरिया। इन जगहों तक वायरस का ना पहुंचना हैरान करता है। मगर कायदे से देखें तो दुनिया के नक्शे में तुर्कमेनिस्तान को छोड़कर ये वो द्वीप और देश हैं। जहां सैलानियों का पहुंचना या तो आसान नहीं है। या फिर उन्हें वहां जाने की इजाज़त नहीं है।

हर कोई सोच रहा कि आखिर इन सबी जगहो पर कोरोना क्यों नहीं पहुंच पाया? और अबतक यहां एक भी केस कोरोना के क्यो नही है? ये सचमुच जायज़ सवाल है। इनमें पहले वो द्वीप और देश हैं जो ज़्यादा तर अफ्रीकी महाद्वीप के हिस्से में आते हैं। जहां पहुंचना या तो बहुत मुश्किल है या यहां पर्यटन और विदेशियों का आना-जाना कम होता है। दूसरे वो देश हैं जो सच्चाई छुपाने को लेकर शक के दायरे में हैं। मसलन चीन, रूस, दक्षिण कोरिया से लगे होने के बाद भी नॉर्थ कोरिया में कोई केस रिपोर्ट नहीं हुआ है। जबकि उसके पड़ोसी मुल्कों में करोना वायरस कहर ढहा चुका है। कोरोन ने पड़ोसी मुल्क में उनके परेशान कर दिया है। ऐसे ही कुछ आरोप तुर्कमेनिस्तान पर भी हैं।

हालांकि दुनिया के नक्शे में इन द्वीप और देशों का हिस्सा है तो बहुत ही छोटा सा और आबादी भी इनकी काफी कम है. लेकिन इन्हें कोरोना का कोई खौफ नहीं, ये पहले जैसे जी रहे थे. वैसे ही आज भी जी रहे हैं। इनकी ज़िंदगी में कोई बदलाव नहीं आया है और ये सब बॉर्डर सील करने की वजह से ही हुआ।समय रहते इन्होने काम किया औऱ कोरोना को हावी ही नही होने दिया।

अगर पीएम मोदी भी समय रहते सही कदम उठाया होता तो देश के हालात इतने बेकार नही होते औऱ लाकडॉउन इतना लगतार नही बढ़ता।
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