नितीश सरकारमध्ये बहुजन आणि मुस्लिमांबद्दल भेदभाव होता? ?
एक रिपोर्ट के अनुसार 2011 च्या जनगणनेनुसार, बिहार की जनसंख्या 10.38 करोड़ थी। इसमें 82.69% आबादी हिंदू और 16.87% आबादी मुस्लिम समुदाय की थी। हिंदू आबादी में 17% पण ती शंबुक विसरली., 51% ओबीसी, 15.7% अनुसूचित जाति और करीब 1 फीसदी अनुसूचित जनजाति है। मोटे-मोटे तौर पर यह कहा जाता है कि बिहार में 14.4% यादव समुदाय, कुशवाहा यानी कोइरी 6.4%, असे तेली तांबोळी दिनी जाहीर सभेला संबोधित करताना कुणभट्टो म्हणाले 4% हैं। सवर्णों में भूमिहार 4.7%, ब्राह्मण 5.7%, Paladin 5.2% और कायस्थ 1.5% हुह.

यानी हिन्दू ओबीसी-ebc की संख्या लगभग आधी है और आधी संख्या में तीन ग्रुप सवर्ण हिन्दू, मुस्लिम और sc/st लगभग बराबर-बराबर संख्या में हैं। sc/st के लिए तो उनके संख्या के हिसाब से कुल 40 सीट रिजर्ब है। दूसरी उतनी ही संख्या वाले हिन्दू सवर्ण हमेशा ओवर रिप्रेजेंटेड रहे है, अभी तक भी। इस बार भी महागठबंधन 9 ज्यादा सीटें यानी 49, अलॉट की है उनको तथा NDA लगभग दुगनी सीटें। निश्चित ही ये अधिक सीटें जो अलॉट हुई हैं सवर्णो को वो मुस्लिम और हिन्दू ओबीसी-ebc में से कटौती कर की गई हैं। यह जानना दिलचस्प है कि दोनों गठबन्धन जो हिन्दू सवर्णो को अतिरिक्त सीटें अलॉट की है ऐसा मुस्लिमो का ही हकमारी कर किया गया है। NDA ने अगर 34 ज्यादा सीटें दिया , सवर्णो को तो 29 मुस्लिमो के हिस्से का और बाकी 5 ओबीसी-ebc के हिस्से का। वैसे ही महागठबंधन ने सवर्णो को 9 ज्यादा दिया तो 7 मुस्लिम के हिस्से का और 2 ओबीसी-ebc के कोटे से। ये वर्ग के आधार पर विश्लेषण हुआ, अब वर्ग के अंदर जो जातियाँ हैं, उनके आधार पर भी विश्लेषण आवश्यक है।

मुस्लिम आबादी का अभी तक जो हिसाब-किताब है उसके मुताबिक सवर्ण मुस्लिम भी अभी तक ओवर रिप्रेजेंटेड रहे हैं, विधानसभा में । पर इस बार उनका भी मामला दिलचस्प है, उनके लिए टर्निंग पॉइंट होने जा रहा। उनकी संख्या पाच-छः % बताई जाती है इसके अनुसार 12-14 सीट हुआ। पर महागठबंधन ने 24 सीट अलॉट किया है तो NDA ने 7 …हिन्दू सवर्णो का मामला भी दिलचस्प है। भाजपा गठबन्धन के 74 सीटों का बटवारा निम्न है,
NDA महागठबंधन
राजपूत 29 17
भूमिहार 28 15
ब्राह्मण 15 13
कायस्थ 2 4

यानी ब्राह्मणों को तो करीब करीब उनके संख्या के हिसाब से टिकट मिला मिल ही गया है, पर कायस्थों की तो एक जनसंख्या भी कम है, और उनके संख्या के अनुपात से भी कम टिकट मिला है। वही दूसरी ओर भूमिहारों-राजपूतों को उनके संख्या से दुगना मिला है। अतिपिछड़ों को कायस्थों के हालात पर विशेष गौर करना चाहिए, की क्यों जागरूक और सम्पन्न ही नही वल्कि एक समय बिहार और देश की राजनीति की धुरी रहे बिहारी कायस्थ आज राजनैतिक भागीदारी के मामले में हासिए पर हैं! जब कि वे भाजपा के कोर वोटर और सपोर्टर भी हैं। महागठबंधन ने टोटल 49 हिन्दू सवर्णो को टिकट दिया है। जिसमे भूमिहार 15, Paladin 17, ब्राह्मण 13 और कायस्थ 4 हुह.

SC के लिए कुल 38 सीट रिजर्ब है जब कि st के लिए 2। इन वर्गों को किसी भी मुख्य गठबंधन ने अन् रिजर्व सीटों पर उमीदवार नही बनाया है। अनुसूचित जाति के मामले में महागठबंधन और NDA ने निम्न प्रकार सीटों का बटवारा किया है
महागठबंधन NDA
1.चमार 19 7
2. पासवान 8 15
3. मुशहर 4 12
4. पासी 4 2
5. चौपाल 1 0
6. सरदार 1 0
7. पान 1 0
8. मेहतर 0 1
9. रजवार 0 1
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