क्या 20 लाख करोड़ का पैकेज भी महज हवाबाजी ?
तो वहां से शुरू करते है जब पूरी दुनिया में खुशी छाई हुई थी।लोग अपनी-अपना दुनिया में खुश थे।लेकिन चीन की’ एक कोरोना वायरस जैसी गलती ने लोगों को झकझोर कर रख दिया।कई लोगों ने इस वायरस की वजह से अपने खोए तो कई लोगों ने अपना रोजगार।लेकिन इतना सब होने के बाद भी पीएम ने लोगों को मोमबत्ती और थाली बजाने वाली जैसी सलाह दी।
आज हमारे भारत देश में बिना छत और अनाज वाली आबादी भी है और विश्व के अधिकतर अरबपति भी…लेकिन ऐसा कोई नहीं जो इस वायरस के कहर से बचा हो…ना तो इस सरकार ने और ना ही इस वारयस ने किसी को अपना माना…जहां एक तरफ कोरना से जनता त्रस्त थी तो वहीं रही सही कसर सरकार ने पूरी कर दी….जिसके बाद देश में तीन बार लॉकडाउन लागू किया गया..और चौथी बारी की तैयारी पूरी कर ली गई है…
अगर इन सब से परे हटकर देखा जाए तो,शायद आज राहुल गांधी की सलाह पर गौर कर लिया गया होता तो।थोड़े बहुत ही सही लेकिन हालात अलग जरूर होते।दराअसल जब पीएम मोदी ट्रम्प के स्वागत में लगे हुए थे,तब ये कोरोना चीन में अपना कहर बरपा रहा था।जिसको लेकर राहुल गांधी ने पीएम को आगाह किया था कि,आप इन सब से ध्यान हटाकर इस वायरस की तरफ ध्यान दें।लेकिन वो कहते है ना कि आई मौज फकीर की लिया अपना झोपड़ा फूंक।यहां भी कुछ ऐसा ही हुआ,और इसका खामयाजा इस देश की भोली भाली जनता को चुकाना पड़ा।
और फिर इसके बाद बची हुई कसर लॉकडाउन ने कर दी।हम ये नहीं कहते की पीएम ने लॉकडाउन कर गलत किया।लेकिन सवाल ये उठता है की इस लॉकडाउन से पहले आपने तैयारी क्या की थी।अगर इसका जवाब सही माईनों में देखा जाए तो,सड़कों पर पिछले कई दिनों से चल रहे मजदूर,उनका भूखा पेट और सूजी हुई टांगे सब बयां कर रही है की सरकार ने बिना किसी तैयारियों के ही लॉकडाउन कर दिया।और इसका दर्द घर जाने और राशन के लिए दर-दर भटक रहे मजदूरों से बहतर कोई नहीं समझ सकता।
वहीं जब पीएम मोदी ने देखा की मामला हाथों से फिसलता जा रहा है।तो उन्होने देश को संबोधित करते हुए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकैज का एलान किया।लेकिन अब सवाल ये उठता है की ये पैकैज भी इस देश की जनता को मिलेगा,या फिर पीएम केयर फंड की तरह ये भी हवाबाजी बनकर रह जाएगा।अगर हम साफ तौर पर ये सब देखे तो ये सब कोरोना वायरस की वजह से सुस्त पड़ी देश की इकोनॉमी को रफ्तार देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है।औऱ इस इकोनॉमी को सुस्त बनाया किसने है,इसका जवाब गरीब लोग बहुत अच्छे से जानते है।
अगर साफ तौर पर देखा जाए तो सरकार के हालात बेहद खराब है।जिसको देखते हुए कोरोना के इस संकटकाल में रिजर्व बैंक भी सरकार की मदद करेगा।अब सरकार को ही मदद की जरूरत पड़ रही है…तो क्या खाक सरकार इस देश के गरीबों के काम आएगी।अब देश की सरकार इस लोकतंत्र में सोयेगी तो देश की अर्थव्यवस्था ऐसी ही सोती रहेगी।और जब तक मोदी सरकार रहेगी तब तक इस देश की जनता ऐसे ही परेशान रहेगी।
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