दिल्ली दंगा: दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में आया सीताराम येचुरी, जयति घोष, योगेंद्र यादव का नाम
दिल्ली पुलिस ने नार्थ ईस्ट दिल्ली दंगो को दायर सप्लीमेंटरी चार्जशीट में सीताराम येचुरी, जयति घोष, अपूर्वानंद, योगेंद्र यादव , चंद्रशेखर रावण के नाम का जिक्र किया है। ये चार्जशीट पिंजरा तोड़ ग्रुप के संस्थापक सदस्य नताशा ,देवांगना कालिता और जेएनयू स्टूडेंट गुलफिशा फातिमा के खिलाफ दर्ज की गई है।
चार्जशीट में नताशा देवांगना कालिता औरगुलफिशा फातिमा बयान का हवाला दिया गया है जिसमे प्रदर्शन को भड़काने में इन नेताओ की भूमिका का जिक्र है.
चार्जशीट के मुताबिक देवांगना कालिता ने अपने बयान में कहा है कि CAA कानून कानून पास होने के बाद जयती घोष ,प्रोफेसर अपूर्वानंद और राहुल राय ने समझाया कि हमें CAA और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन के लिए और सरकार गिराने के लिए किसी भी हद तक जाना है।
देवांगना के मुताबिक उमर खालिद ने भी प्रदर्शन के लिए अपनी ओर से टिप्स दिए। इन लोगों के निर्देश के मुताबिक उमर के संगठन यूनाइटेड अगेंस्ट हेट ग्रुप ,जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी और पिंजरा तोड़ के सदस्यों ने दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
देवांगना कालिता के मुताबिक प्रोफेसर अपूर्वानंद ने बताया कि जामिया कोआर्डिनेशन कमेटी दिल्ली के 20 से 25 इलाकों में प्रदर्शन शुरू करने जा रही है। उमर खालिद और बाकी दूसरों के कहने के मुताबिक हमने उत्तर पूर्व दिल्ली की लड़की गुलफिशा को अपने साथ लिया उसने तस्लीम और बाकी लोगों के साथ मिलकर यह जिम्मेदारी ली कि वह सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन के लिए भीड़ जमा करेंगे।
चार्जशीट में गुलफिशा फातिमा के बयान के आधार पर कहा गया है कि प्रदर्शन के दौरान भीड़ जमा होनी शुरू हो गई।प्लान के मुताबिक प्रदर्शन स्थल पर बड़े नेताओं और वकीलो ने आना शुरू कर दिया ताकि लोगों को उकसाया जा सके। इनमे उमर खालिद, चंद्रशेखर रावण, योगेंद्र यादव, सीतराम येचुरी, वकील महमूद प्राचा, चौधरी मतीन शामिल थे. महमूद प्राचा ने बताया कि प्रदर्शन करना लोकतांत्रिक अधिकार है। वही बाकी के दूसरे नेताओं ने CAA -NRC को मुस्लिम विरोधी बताकर समुदाय में असंतोष को भड़काया।
फिलहाल अब देखने वाली ये होगी की आखिर बीजेपी अपना ठीकरा किस-किस पर फोड़ेगी। क्योंकि इस दंगे के जो भी मुख्य आरोपी है वो अभी भी आराम से खुले में घुम रहें है।
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