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Uncategorized - May 18, 2020

देश में चौथी बार तालाबंदी, सरकार ने यहां की सख्ती खत्म !

इस देश ने जैसे-तैसे तीन लॉकडाउन में अपना समय बिताया।सभी को उम्मीद थी की लॉकडाउन 4 आएगा लेकिन इसमें क्या-क्या सहुलियत होंगी ये सवाल हर किसी के मन में था।लेकिन ये सब देन चीन की थी जो अपने साथ-साथ सभी देशों को ले डूबा।इस कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया में 48 लाख के करीब लोग इसकी चपेट में आ चुके है जबकि 3 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

अब कई देश ऐसे ही जहां लॉकडाउन जारी है तो वहीं भारत में भी लॉकडाउन 4 आगाज हो चुका है।दराअसल कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए मोदी सरकार ने देशव्यापी लॉकडाउन को दो हफ्तों के लिए बढ़ा दिया है।इसके साथ ही मोदी सरकार ने लॉकडाउन 4.0 में कई तरह की छूट भी दी है, इन रियायतों में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, सैलून की दुकानों के साथ ही बसों को चलाने की भी बात कही गई है।

बता दें की कोरोना वायरस के कहर को कम करने के लिए देश में लॉकडाउन को काफी अहम माना जा रहा है। इसको ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय ने दो हफ्तों के लिए लॉकडाउन को बढ़ा दिया है। 18 मई से शुरू लॉकडाउन 4.0 देश में 31 मई 2020 तक लागू रहेगा, औऱ इस बार के लॉकडाउन में राज्यों को ज्यादा अधिकार दिए गए हैं। वहीं दो नए जोन भी जोड़े गए हैं, इसके अलावा आज से कुछ नई रियायतें भी दी जा रही हैं।

लॉकडाउन 4.0 के मुताबिक रेस्टोरेंट को होम डिलीवरी की इजाजत दी गई है।साथ ही साथ वहीं स्टेडियम और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स को खोलने की इजाजत भी दी गई है। हालांकि दर्शक स्टेडियम और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में नहीं जा सकेंगे, बता दें की सिर्फ खिलाड़ियों की प्रैक्टिस के लिए इनको खोलने की इजाजत दी गई है।

साथ ही साथ इसके अलावा लॉकडाउन 4.0 में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कई अधिकार दिए गए हैं। लॉकडाउन 4.0 में राज्यों के बीच यात्री वाहन और बसें भी चलाई जा सकती हैं।हालांकि इसमें राज्यों के बीच आपसी सहमति जरूरी है,वहीं सैलून, मिठाई जैसी दुकानों को खोलने की इजाजत देने के अधिकार राज्य पर छोड़े गए हैं।

जानकारी के लिए बता दें की इस लॉकडाउन को 5 जोन में बांटा गया है।जिसमें ग्रीन,रेड,येलो,बफर ,यैलो, साथ ही केंद्र सरकार ने लॉकडाउन को दो हफ्तों के लिए बढ़ाए जाने के साथ ही राज्यों से कहा है कि कंटेनमेंट जोन छोड़कर सभी जगह व्यावसायिक गतिविधियों की अनुमति दी जा सकती है।साथ ही दुकानें खोलने की रियायत को लेकर राज्यों को ज्यादा अधिकार दिए गए हैं।

लेकिन अब सवाल ये उठता है की आखिर उनका क्या जो लोग फंसे हुए है।आखिर उनका क्या जिन लोगों के पास खाने के लिए राशन नहीं है।सरकार ने तो लॉकडाउन जारी कर देश को चौथी बार बंद कर दिया।लेकिन गरीबों,मजदूरों के लिए भी तो सरकार को कुछ सोचना चाहिए था या फिर मजदूरों को सरकार ने ऐसे ही मरने के लिए छोड़ दिया।

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