फर्जी TRP मामला: रिपब्लिक देखने के लिए मिलती थी तयशुदा रकम, एक डायरी से कई खुलासे
TRP फर्जीवाड़े में रिपब्लिक टीवी की हकीकत सामने आने लगी ह। मुंबई पुलिस की पड़ताल में हंसा रिसर्च के पूर्व कर्मचारी विशाल भंडारी की डायरी से कई खुलासे हुए हैं. इस डायरी में कई घरवालों के नाम दर्ज हैं. इन घरवालों से जब पुलिस ने पूछताछ की तो सामने आया कि रिपब्लिक टीवी को देखने के लिए हर महीने तयशुदा रकम दी जाती थी.
मुंबई पुलिस की पूछताछ में कई घरवालों ने कहा कि हमें विशाल भंडारी की ओर से रिपब्लिक टीवी देखने के लिए हर महीने पैसा दिया गया. मुंबई पुलिस ने विशाल भंडारी और घरवालों के बीच मैसेज का आदान-प्रदान भी पकड़ा है. रिपब्लिक चैनल की टीआरपी उन्हीं घरों में अधिक पाई गई, जिन्हें विशाल भंडारी पैसे देता था.
फर्जी टीआरपी मामले में गिरफ्तार किए गए विशाल भंडारी, बोमपल्ली राव, नारायण शर्मा और श्रीश शेट्टी को 13 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. इन चारों से मुंबई पुलिस पूछताछ करेगी.
कैसे हुआ पूरे मामले का खुलासा
पांच अक्टूबर को मुंबई पुलिस को टीआरपी रैकेट की शिकायत मिली. इस शिकायत में कहा गया कि विशाल भंडारी और संजीव राव, लोगों को एक निश्चित चैनल देखने के लिए पैसे दे रहे थे. एपीआई सचिन वेज को टिप मिली थी. इसके बाद मुंबई पुलिस ने 5-6 अक्टूबर की रात को विशाल भंडारी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की.
विशाल भंडारी ने मुंबई पुलिस को बताया कि उसके खिलाफ जांच चल रही थी इसलिए उसने अपनी कंपनी हंसा रिसर्च ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड को छोड़ दिया, जो BARC के लिए एक सपोर्ट कंपनी है. पुलिस ने हंसा कंपनी से बात की और उसने माना कि विशाल उनके लिए काम करता था.
इस मामले में हंसा ने खुद ही जांच कराई थी, जिसमें 5 घरवालों से बात की गई थी. इसमें 4 ने इनकार किया, जबकि एक ने माना कि उसे चैनल देखने के लिए पैसा दिया गया. पैसा मिलने की बात मानने वाली महिला के पास एयरटेल डिशटीवी कनेक्शन है और उसके पास इंडिया टुडे का सब्सक्रिप्शन नहीं है.
क्या कहा गवाह ने
जांच के दौरान एक गवाह ने बताया कि उसके घर पर एक बैरोमीटर लगा था जिसके लिए उसे हर माह 483 रुपये मिल रहे थे. गवाह के बयान के मुताबिक, ‘जनवरी 2020 में आरोपी विशाल भंडारी और दिनेश विश्वकर्मा मेरे घऱ आए. भंडारी और विश्वकर्मा ने मुझसे पूछा कि क्या मैं रिपब्लिक टीवी देखता हूं. मैंने उनसे कहा कि नहीं, मुझे रिपब्लिक टीवी पसंद नहीं है. भंडारी और विश्वकर्मा ने कहा कि यदि मैं रिपब्लिक टीवी देखूंगा और टीवी पर रिपब्लिक टीवी लगाकर उसे ऑन रखूंगा तो इसके लिए मुझे हर महीने 483 रुपये मिलेंगे.’
रिपब्लिक टीवी की सफाई
रिपब्लिक टीवी ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को गलत बताते हुए मुंबई पुलिस कमिश्नर के खिलाफ मानहानि का केस करने की बात कही है. उसके मुताबिक मुंबई पुलिस पालघर और सुशांत सिंह केस की चैनल द्वारा की गई कवरेज के बदले में इस तरह के आरोप लगा रही है. चैनल के मुताबिक बार्क ने अपनी शिकायत में कहीं भी रिपब्लिक का नाम नहीं लिया है.
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