बहुजनों के बदौलत कामयाब भीलवाड़ा मॉडल,देश में दी जा रही मिशाल!
कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने में अब तक सफल रहे भीलवाड़ा जिले का मॉडल पूरे देश में चर्चा में है। जिसका तारीफ हर जगह पर हो रही है, हर कोई इस भीलवाड़ा माडल को सलाम कर रहा और तो औऱ भीलवाड़ा मॉडल पूरे देश में लागू करने पर विचार किया जा रहा है। सबसे बड़ा वजह कामयाब होने के इस माडल का बहुजन समाज के डाक्टरों के जज्बे को माना जा रहा है
क्योकी बहुजन समाज से आने वाले डाक्टर और पुलीस की टीम को लीड करने वाले एसपी दिन रात एक करके मेहनत कर रहे । इस वजह से ये माडल कामयाब हुआ।वही डाक्टर बुनकर औऱ डा मेघवाल तो बीना सुए सबुह 4 4 बजे तक काम करते आ रहे है। इन डाक्टर योध्या का कहना है कि हम 19 मार्च को ही उदयपुर से एमबुलेंस की टीम के साथ रवाना हो गए। जिसके बाद बीना किसी ढिलवाई के मोर्चा संभाल लिया और वहां के एसपी का भी इन्हे साथ मिला। जो बहुजन समाज से आते है,वही टीना धाबी और पती अख्तर खान जो बहुजन समाज से है। इनका भी पोस्टिंग हो गई है।
एक तरह से इस माडल का कामयाब होने का कारण ये भी है की बहुजन समाज के लोग जो डाक्टर है,एसपी है,वह लोग लीड कर रहे थे। इस लीए बीना किसी ढिलवाई के रात दिन इमानदारी से काम हुआ और मीसाल बना ये माँडल
आपको बता दे कि क्या है ‘भीलवाड़ा मॉडल’ राजस्थान के भीलवाड़ा में कोरोना वायरस से निपटने को लेकर अपनाई गई नीति पूरे देश में लागू हो सकती है। भीलवाड़ा में एक डॉक्टर के संक्रमित होने के बाद वहां तेजी से कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ी, लेकिन बाद में यह आंकड़ा 27 मरीजों से अधिक नहीं बढ़ा। पॉजिटिव मरीज सामने आते ही भीलवाड़ा में कर्फ्यू लगाकर सीमाएं सील कर दी गईं। जिले के सभी निजी अस्पतालों और होटलों को अधिगृहीत कर लिया गया। लॉकडाउन कि सख्ती से पालना और घर-घर स्क्रीनिंग की गई, जनप्रतिनिधियों,मीडिया और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों को भी शहर में प्रवेश नहीं दिया गया। जिला प्रशासन और पुलिस के भी कुछ ही अधिकारी शहर में गए।
लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने पर जोर दिया गया। इन सबके चलते भीलवाड़ा में कोरोना के मामले आगे नहीं बढ़े। डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ ने अपना मनोबल ऊंचा रखा। इसका असर भी दिखा और कई संक्रमित मरीज ठीक हो गए। भीलवाड़ा में प्रशासनिक, पुलिस और मेडिकल के थ्री टियर प्रयास के साथ साथ वहां की जनता ने भी सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा। इसकी बदौलत कोरोना पर काफी हद तक नियंत्रण कर लिया गया है। भीलवाड़ा में पिछले 17 दिन से कर्फ्यू लगा हुआ है। यहां तीन हजार पुलिस के जवान और एक दर्जन वरिष्ठ अधिकारी तैनात किए गए हैं। इसी माडल को देखते हुए..हर कोई सराहना कर रहा औऱ तो औऱ इस मॉडल को देशभर में लागू करने के संकेत भी आ रहे है। भीलवाड़ा में कोरोना का प्रकोप मार्च के तीसरे सप्ताह में एक साथ फैला तो सरकार ने घर-घर स्क्रीनिंग शुरू की और 18 लाख लोगों की जांच की गई। इसके लिए 15 हजार टीमें बनाई गई। पहले लॉकडाउन और फिर कर्फ्यू का सख्ती से पालन किया गया पॉजिटिव पाए गए लोगों को तत्काल आइसोलेट किया गया क्वारंटाइन किए गए लोगों के घरों के बाहर पुलिस का पहरा लगा दिया, जिससे वे बाहर नहीं निकल सके, इस तरह से भीलवाडा में तजी से फौलने वाले कोरोना के कहर को रोका गया।
.अब देखना होगा की पीएम मोदी ताली थाली दीया मोमबत्ती के बाद क्या वह इस माडल को देश में पुरी तरह लागू करेंगे या कोई और गेम खेल देश को गुमराह करने वाला इवेंट। मोमबत्ती दिया जैसा प्लान करेंगे वही देश की बात करे तो जनता कर्फ्यू़ लॉकडाउन, संपूर्ण लॉकडाउन, कर्फ्यू लगाए जाने के बाद भी कोरोना के पॉजीटिव मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।अभी तक के आंकड़ों के अनुसार भारत में कोरोना वायरस के अब तक कुल 6263 मामले सामने आ गए हैं। इनमें से 5508 लोगों का इलाज जारी है और 569 लोग ठीक हो गए हैं। जबकी 186 लोगों की मौत हो गई है।
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