बिहार चुनाव को लेकर बीजेपी में बोखलाहट शुरू, इन 5 सीटों पर नहीं उतारे अपने प्रत्याशी !
बिहार में नीतीश कुमार की अगुवाई वाले एनडीए में सीट बंटवारा हो गया है, जिसके तहत बीजेपी को 121 और जेडीयू को 122 सीटें मिली हैं। जेडीयू ने अपने खाते से सात सीटें जीतनराम मांझी की पार्टी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा को दी हैं जबकि बीजेपी ने मुकेश सहनी की वीआईपी को 11 सीटें दी हैं। ऐसे में जेडीयू ने अपने कोटे की सभी 115 सीटों पर कैंडिडेट के नाम घोषित कर दिए हैं जबकि बीजेपी ने अभी पहले चरण की 29 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया है। इसके बावजूद बिहार के पांच जिले ऐसे हैं, जहां बीजेपी का एक भी कैंडिडेट चुनावी मैदान में नहीं होगा और जेडीयू महज एक जिले में चुनाव नहीं लड़ रही है।
बीजेपी बिहार के 38 जिलों में से 33 जिलों की सीटों पर ही चुनाव लड़ेगी। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने बिहार विधानसभा सीटों की जो लिस्ट जारी की है, उसमें से पांच जिलों की किसी भी सीट पर बीजेपी का प्रत्याशी नहीं होगा। इनमें शिवहर, शेखपुरा, मधेपुरा, खगड़िया और जहानाबाद जिले हैं, जहां पर बीजेपी चुनाव नहीं लड़ेगी बल्कि उसकी सहयोगी जेडीयू के प्रत्याशी मैदान में होंगे।
जानकारी के लिए बता दें की हालांकि, 2015 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी बिहार के 14 जिले में खाता नहीं खोल सकी थी। इनमें बिहार के शिवहर, शेखपुरा, मधेपुरा, खगड़िया और जहानाबाद जिले भी शामिल थे, इसीलिए इन पांचों जिले की सभी 15 सीटें बीजेपी की सहयोगी जेडीयू के खाते में गई हैं। इसके अलावा पांच अन्य जिलों में बीजेपी सिर्फ एक-एक सीट पर ही प्रत्याशी उतारेगी।
बीजेपी को सबसे ज्यादा सीटें चंपारण क्षेत्र की मिली हैं, बीजेपी पूर्वी-पश्चिमी चंपारण की 17 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी और साथ ही पटना की 10 सीटों पर ताल ठोकेगी। हालांकि, बीजेपी को इस बार अपनी कई परंपरागत सीटें भी छोड़नी पड़ी हैं। इसमें सूर्यगढ़ा और नोखा सीट भी शामिल हैं, जिसके चलते नोखा से तीन बार के विधायक रहे रामेश्वर चौरसिया ने एलजेपी का दामन थाम लिया है।
इसके अलावा 2015 में जेडीयू ने जीती हुई अपनी पांच सीटें बीजेपी को दे दी हैं, जिनमें जोकीहाट, सिमरी बख्तियारपुर, गौरा बौड़ाम, हायाघाट और दरौंदा सीट शामिल हैं।लेकिन बीजेपी का इन सीटों पर प्रत्याशी ना उतारना कही ना कही बीजेपी के डर को साफ कर रहा है।
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