भारत ने तैयार की कोरोना वैक्सीन, 90 फीसदी कामगार !
कोरोना के खिलाफ जंग के बीच एक और अच्छी खबर आई है. कोरोना के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर वैक्सीन बना रही एस्ट्राजेंका ने कहा है कि उसके द्वारा बनाई गई वैक्सीन ट्रायल के दौरान 90 फीसदी सुरक्षा देने में कामयाब रही है. इसके लिए प्रयोग के दौरान पहले वैक्सीन की आधी डोज दी गई, इसके लगभग एक महीने बाद वैक्सीन की फुल डोज दी गई.
कोरोना वायरस की वैक्सीन के ‘सकारात्मक’ परिणामों के साथ ही भारत में उम्मीदें बढ़ गई हैं। दरअसल, इंडियन ड्रग रेग्युलेटर डीसीजीआई की ओर से कोरोना वायरस की वैक्सीन के लिए एक मसौदा तैयार किया गया था, जिसमें स्पष्ट कहा गया था कि जो भी वैक्सीन 50 फीसदी से ज्यादा कारगर होगी, उसे मंजूरी दी जा सकती है। ऐसे में एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन ज्यादा प्रभावी है।
सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ ने कहा की हम जल्द ही इमर्जेंसी लाइसेंस के लिए कोशिश करेंगे और हमें इस बात की उम्मीद भी है कि एक महीने में अनुमति मिल जाएगी। फाइनल अप्रूवल तो डीसीजीआई के निर्णय पर ही तय करता है।’ पूनावाला ने कहा कि कंपनी अबतक लगभग 4 करोड़ डोज तैयार कर चुकी है। जनवरी तक हम 10 करोड़ डोज तैयार कर लेंगे। इनमें से ज्यादातर को भारत के लिए प्राथमिकता के रूप में रखा जाएगा।
SII के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा कि मार्केट में कोविशील्ड की कीमत 500 से 600 रुपये प्रति खुराक होगी। वहीं, सरकार को यह 220 से 300 रुपये (3-4 डॉलर) के बीच मुहैया कराई जाएगी। किसी भी व्यक्ति में दो डोज की जरूरत होगी। इसकी तुलना में फाइजर और मॉडर्ना वैक्सीन की कीमतें ज्यादा हैं। मॉडर्ना की कीमत प्रति डोज के हिसाब से 2 हजार 775 रुपये तक हो सकती है जबकि फाइजर 1500 रुपये में उपलब्ध करा रहा है।
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