मुंबई में फिर उमड़ा मजदूरों का जनसैलाब, इसके लिए सिर्फ केंद्र सरकार जिम्मेदार ?
हजारों की तादाद में अभी भी मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हुए है और अपने घर जाने की जद्दोजहद कर रहें है।इसी कड़ी में मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर हजारों मजदूरों का हुजूम इकट्ठा हो गया है।दरअसल, आज बांद्रा स्टेशन से बिहार के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन रवाना होने वाली है।इस ट्रेन में यात्रा के लिए एक हजार मजदूरों का रजिस्ट्रेशन किया गया है, लेकिन स्टेशन हजारों की संख्या में लोग पहुंच गए हैं।

स्टेशन के बाहर अफरा-तफरी का माहौल है और पुलिस लोगों को घर जाने की अपील कर रही है,अपना सामान लेकर महिलाओं और बच्चों के साथ बड़ी संख्या में मजदूर इकट्ठा हुए। हालांकि, पुलिस ने एक्शन लेते हुए सभी मजदूरों को घर भेजने की कार्यवाही कर रही है. साथ ही बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है।तो वहीं दूसरी तरफ मजदूरों ने ये भी आरोप लगाया है की सरकार उनसे ज्यादा पैसे ऐंठ रही है।
इससे पहले 14 अप्रैल को मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर प्रवासी मजदूरों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई थी।ये सभी मजदूर घर जाने के लिए स्टेशन पर पहुंच गए थे।मजदूरों को उम्मीद थी लॉकडाउन पहला चरण में खत्म हो जाएगा, लेकिन कोरोना के कहर के चलते पीएम नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन की मियाद को बढ़ा कर 3 मई कर दिया था।

बता दें की मुंबई के बांद्रा में जुटी भीड़ के मामले में 3 एफआईआर दर्ज की गई थी।पहली एफआईआर में अपील के बावजूद नहीं हटने के आरोप में 1000 मजदूरों पर मामला दर्ज किया गया था।इस मामले में पुलिस ने विनय दुबे नाम के शख्स को हिरासत में लिया था।
लॉकडाउन के बीच विनय दुबे पर भीड़ को गुमराह करने का आरोप लगा था।विनय दुबे ‘चलो घर की ओर’ कैंपेन चला रहा था।अपने फेसबुक पर शेयर किए गए पोस्ट में उसने टीम के बांद्रा में होने की बात कही थी।अब इससे तो यही साफ होता है की सरकार अपनी नाकामी का ठीकरा दूसरे लोगों पर फोड़ना चाहती है।लेकिन ये आने वाले वक्त बताएगा की मजदूर अपने घर पहुंचेगा या रास्ते में ऐसे ही मदजूरों की मौत होती रहेंगी।
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