खट्टर सरकार अडचणीत, 27 दुसर्या आमदाराने जानेवारी रोजी राजीनामा देण्याचा इशारा दिला !
केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन की आंच हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार को तेज़ी से अपनी आगोश में ले रही हैा। किसान आंदोलन के कारण हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की दिक्कतें बढ़ने लगी हैं।जजपा नेता व राज्य के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की पार्टी के 10 पासून 7 विधायक किसानों के मुद्दों के साथ हैं। ऐसे में खट्टर सरकार की मुसीबत मैं फंसती दिख रही है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उन्हें सारी स्थिति से अवगत कराया है।
दूसरी ओर राज्य में कांग्रेस भी सक्रिय हो गई है और उसने किसान आंदोलन को लेकर दबाव बढ़ा दिया है। इससे जजपा के विधायकों के टूटने का भी खतरा पैदा हो गया है। यही कारण है कि दुष्यंत ने पहले मुख्यमंत्री के साथ अमित शाह से मुलाकात की और अब उन्होंने इस गंभीर समस्या के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बातचीत की है।
इसी को लेकर जजपा के विधायक राजकुमार गौतम ने कहा कि कहीं उनकी हुकूमत टूट न जाए, इसलिए उन्होंने यह कानून बना दिया। इससे लोकतंत्र का सत्यानाश हो गया। सांसद-विधायकों की आज कोई वेल्यू नहीं। यह एक परिवार तक सिमट कर रह गई है। सारी पावर दुष्यंत चौटाला के पास है। सरकार में केवल उन्हीं की पूछ है। और भी एमएलए हैं, लेकिन उन्हें कोई नहीं पूछ रहा। पार्टी बनाने में मेरी भी अहम भूमिका थी, लेकिन आज मेरे पास कुछ नहीं है।वहीं हरियाण के पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला क के बेटे अभय सिंह चौचाला ने भी चेतावनी देते हुए कहा है की अगर 26 जनवरी तक कानून वापस नहीं हुए तो मैं भी 27 को ट्रैक्टर पर सवार होकर अपना इस्तीफा दे दूंगा
बरहाल अब देखने वाली बात ये होगी की आखिर एक और विधायक की फूट के बाद हरिय़णा में खट्टर सरकार कितने और दिन ख़ड़ी रह पाती है…
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