सरकारशी बोलण्याबाबत शेतकरी आज निर्णय घेतील, सरकारविरोधात प्रचंड रोष
किसान आंदोलन का आज 27वां दिन है। सरकार से बातचीत को लेकर किसान आज मीटिंग करेंगे। इसमें पंजाब और राष्ट्रीय किसान संगठनों के नेता शामिल होंगे। वे तय करेंगे कि सरकार से चर्चा करनी है या नहीं। सरकार की तरफ से रविवार रात किसानों को बातचीत के न्योते की चिट्ठी भेजी गई थी। दूसरी तरफ किसान नेता हन्नान मुला ने कहा कि सरकार दिखावा कर रही है। एजेंडे पर चर्चा नहीं चाह रही। बातचीत करनी है तो हमारे एजेंडे पर ही हो।

किसानों नेताओं का कहना है कि सरकार ने 5 पेज का गोलमोल प्रपोजल भेजा है। इसमें पुरानी बातों पर ही जोर है। सरकार ने वही पॉइंट भेजे जो 9 दिसंबर के प्रपोजल में थे। सरकार पुराने प्रपोजल पर बातचीत चाहती है। कानून रद्द करने और MSP पर नया कानून लाने की मांग पर चर्चा नहीं चाहती।

दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर जहां-जहां किसान धरना दे रहे हैं, वहां भूख हड़ताल भी जारी है। हर दिन 11 शेतकरी 24 घंटे के उपवास पर बैठेंगे। वहीं, हरियाणा में 25 पासून 27 दिसंबर तक टोल फ्री किए जाएंगे।

तो वहीं तरनतारन से सिंघु बॉर्डर पहुंचे 75 साल के किसान निरंजन सिंह ने सोमवार को सल्फॉस पीकर जान देने की कोशिश की। वे PGI रोहतक में भर्ती हैं। जेब से मिले नोट में लिखा है, किसानों को ठिठुरते देख रोना आता है। सरकार सुन नहीं रही और किसानों की जान जा रही है। कुर्बानी देना चाहता हूं।
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