जप्त चावल मामले की हुई लीपापोती,दागी व्यापारी ने पेश की दावेदारी।
चार दिनों से मामले की लीपापोती की जा रही थी कोशिश औऱ अंत में कामयाब हो गए बिचौलिए औऱ अवैद्य चावल कारोबारी।
डमी दागी कारोबारी को अपने अनाज की दावेदारी करने में अपने घर से एक डेढ़ किलोमीटर दूरी तय कर त्रिवेणीगंज अनुमंडल कार्यालय औऱ थाना पहुँचने में लग गए 85 घंटे।
प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों पीडीएस के चावलों की कालाबाज़ारी काफ़ी फल फूल रहा है या यूं कहें कि अधिकारियों के मिलीभगत से यह खेल चरम पर है जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र में देखने को मिल रहा है।
क्या है पूरा मामला:–
बीते मंगलवार की देर संध्या करीब दस बजे त्रिवेणीगंज पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि कालाबाज़ारी का आधा ट्रक जनवितरण प्रणाली का चावल कहीं सप्लाय के लिए ले जाया जा रहा है जो खट्टर चौक के पास सड़क किनारे अभी रुका हुआ है जब त्रिवेणीगंज पुलिस सूचना के सत्यापन के लिए खट्टर चौक के पहुँची तो उन्होंने पाया कि खट्टर चौक से पूरब NH327 ई के किनारे एक हरियाणा नम्बर की ट्रक HR 74 A 7480 लगी हुई है जिसमें ड्राइवर औऱ खलासी कोई नहीं है काफ़ी देर तक पुलिस जब उक्त ट्रक के चालक और खलासी को ढूंढ़ा लेकिन दोनों में से कोई नहीं मिले जिसके बाद त्रिवेणीगंज पुलिस किसी तरह उक्त पीडीएस का चावल लदे ट्रक को थाना ले आया।त्रिवेणीगंज थानाध्यक्ष संदीप कुमार सिंह त्वरित कार्यवाई करते हुए इन बातों की लिखित जानकारी अपने कार्यालय पत्रांक 1851 दिनांक 16 दिसम्बर 2020 को त्रिवेणीगंज एसडीएम शेख़ ज़ेड हसन को दिया।जिसके बाद शुरू हो गया मैनेजमेंट गुरुओं औऱ बिचौलिए का मामले को रफादफा करने का खेल।
इसके बाद शुरू हुआ मैनेजमेंट गुरुओं का खेल:–
पीडीएस का चावल लदे ट्रक के थाना पहुँचते ही मैनेजमेंट गुरुओं द्वारा अवैद्य कालाबाज़ारी के चावल कारोबारियों को बचाने में अधिकारियों को मैनेज करने का खेल शुरू हुआ औऱ अंततः मैनेजमेंट गुरु औऱ बिचौलिए मामले को दबाने में कामयाब हो गए।मंगलवार रात्रि को चावल सहित ट्रक को पुलिस ने पकड़ा औऱ बुधवार को दोपहर बाद त्रिवेणीगंज सीओ मामले की जाँच को लेकर त्रिवेणीगंज थाना पहुँचे औऱ कुछ देर रुके फ़िर लौट गए।गुरुवार को फिर सीओ दिनेश प्रसाद त्रिवेणीगंज थाना पहुँचे औऱ जप्त चावल लदे ट्रक पर चावलों के बोरे की गिनती किए औऱ 88 प्लास्टिक औऱ 138 जूट के बोरे यानि कुल 226 बोरे में चावल पाए गए।शुक्रवार को दिनभर बिचौलिए औऱ अवैध चावल कारोबारी सहित डमी व्यापारी फर्जी किसान त्रिवेणीगंज थाना पहुँचे औऱ मौके पर सीओ दिनेश प्रसाद व्यापारी एवं किसानों का बयान दर्ज करते भी नज़र आए।इस दौरान मीडिया कर्मियों को इन सब चीजों से दूर रखा गया।इनसे जब इस संदर्भ में पूछा गया तो उन्होंने गोलमटोल जवाब देते हुए सिर्फ़ इतना बताया कि ट्रक निबंधन संख्या HR 74 A 7480 पर प्लास्टिक के 88 बोरे में औऱ 138 जूट के बोरे में कुल 226 बोरे में अरवा चावल तो है लेकिन यह कालाबाज़ारी या पीडीएस का है यह अभी नहीं बता सकते हैं इसके विरुद्ध क्या कानूनी कार्यवाई की जाएगी यह एसडीओ साहब से प्राप्त निर्देश के बाद हीं होगा।
लोगों में हो रही है तरह तरह की चर्चाएं:–
इन मामलों की जानकारी धीरे धीरे आम लोगों को जैसे जैसे मिलती गई लोगों के बीच तरह तरह की चर्चाएं होने लगी कि जब थानाध्यक्ष द्वारा कालाबाज़ारी के आधा ट्रक चावल को पकड़ा गया औऱ इसकी लिखित सूचना त्रिवेणीगंज एसडीओ को दी गई तो फ़िर मामले की जाँच कर दोषी पर कार्यवाई के बज़ाय जाँच के नाम पर इतना विलंब क्यों किया जा रहा है क्या कालाबाज़ारी के इस खेल में अवैध चावल कारोबारियों के साथ अधिकारियों की मिलीभगत तो नहीं है चोरी के समान को छिपाने में एक दो घंटे ही काफ़ी है इन्हें तो चार दिनों का समय मिल गया। चार दिनों में कोई भी व्यक्ति अपने कागजातों को दुरुस्त कर अपनी दावेदारी पेश कर सकते हैं।जो व्यापारी अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं उनपर पूर्व से हीं कालाबाज़ारी का मामला इसी त्रिवेणीगंज थाना में दर्ज हुआ जो अभी कोर्ट में चल रहा है उनके लिए यह समय काफ़ी है।
एसडीओ ने दिया क्लीन चीट:–
मामले को लेकर जब आज त्रिवेणीगंज एसडीओ शेख़ जेड हसन ने बताया की गई तो उन्होंने बताया कि जप्त चावल जनवितरण प्रणाली का नहीं है मामले की जाँच सीओ को दिया गया था गहन जाँच करवाने के बाद ये बात सामने आई है 85 घंटे नहीं कल यानि शुक्रवार को कुछ किसान त्रिवेणीगंज थाना पर पहुंचे थे चूंकि त्रिवेणीगंज थाना को कल एक व्यापारी अपनी दावेदारी पेश करने संबंधी एक आवेदन दिए थे जो मेरे पास आया था और हमने सीओ को उक्त जांच करने को कहा सीओ थाना पहुँच कल ही इस मामले की गहन जाँच की दावेदारी कर्ता के कागजातों व पंजियो की बारीकी से जाँच की गई साथ ही दावेदारी पेश करने वाले किसानों का बयान दर्ज किया गया जिसके बाद ये बात सामने आया कि यह जप्त चावल व्यापारी का है जो किसानों से खरीदा है यह चावल जनवितरण प्रणाली का नहीं है अब आपका सूत्र क्या कह रहा है कल तो कोई स्वतंत्र आदमी सामने आया नहीं।
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