Home International Political चीन के व्यापारिक दोस्त हैं रामदेव !
Political - Uncategorized - June 28, 2020

चीन के व्यापारिक दोस्त हैं रामदेव !

By_Mahendra Yadav

वैश्विक महामारी कोरोना के बीच मुनाफा कमाने का लालच न छोड़ने वाले व्यापारी रामदेव अब एक नए विवाद में घिरते नजर आ रहे हैं। हमेशा देशभक्ति और स्वदेशी का मुद्दा जोर-शोर से उठाने वाले रामदेव का एक चीनी कंपनी से समझौते का मामला सामने आया है।

वास्तव में जब रामदेव ने फर्जी ट्रायल और बिना प्रक्रिया के कोरोना के इलाज की दवा कोरोनिल लॉन्च की तो लोगों को उनके पहले के कैंसर और एड्स जैसी बीमारियों के इलाज के फर्जी दावे याद आ गए। इसके साथ ही रामदेव की कंपनी पतंजलि के चीन से संबंध होने की खबरें भी ताजा हो गईं। इस खबर का महत्व इसलिए भी है क्योंकि देश की जनता को भ्रमित करते हुए रामदेव ने भारत-चीन विवाद के बाद, मीडिया से कहा था कि चीन भारत का दोस्त कभी नहीं हो सकता और चीन के साथ किए गए सारे समझौते रद्द कर देने चाहिए। रामदेव ने हमेशा की तरह बड़बोला बयान देते हुए कहा था कि दो साल के अंदर वे चीनी उत्पादों का देश के अंदर से नामोनिशान मिटा देंगे, और भारत को आत्मनिर्भर होने में भले ही दो-तीन साल का समय लगे लेकिन चीन का बहिष्कार करना ही होगा।

अब आइए, विस्तार से बात करते हैं रामदेव के चीन के साथ मधुर रिश्तों की और व्यापारिक भागीदारी की।

दिसंबर 2018 में चीन के हेबेई प्रांत के नेंडगैंग शहर में रामदेव के खास सहयोगी बालकृष्ण ने पतंजलि कंपनी की तरफ से चीनी अधिकारियों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसमें बालकृष्ण के साथ पीपुल्स आर्मी के रिटायर्ड अधिकारी और नेंडगैंग इंडस्ट्रियल कमेटी के सदस्य शामिल थे। इनके साथ ही बालकृष्ण कोई समझौता करके आया था। बालकृष्ण ने दावा किया था कि चीन सरकार ने भारत वर्ष की हर तरह की कला, संस्कृति, परंपरा, योग, आयुर्वेद, अनुसंधान, जड़ी-बूटी अन्वेषण, योग-केंद्र, पर्यटन, सूचना प्रोद्यौगिकी, शिक्षा, मीडिया आदि गतिविधियों के लिए कार्य करने हेतु स्वीकृति दी तथा इसके लिए सभी प्रकार के संसाधन उपलब्ध कराने का आश्वासन भी दिया।

हैरानी की बात यह भी रही कि चीन ने ये समझौता भारत सरकार के साथ नहीं, बल्कि रामदेव की कंपनी के साथ किया। खास बात ये भी कि इन क्षेत्रों में से कई क्षेत्रों का पतंजलि कंपनी को कोई अनुभव नहीं है। जिस चीन के बारे में रामदेव का अब कहना है कि चीन के पास मानवीयता और आध्यात्मिकता नहीं है, उसी चीन की संस्कृति के बालकृष्ण गुण गा रहा था। असली बात ये छिपाई गई कि बदले में चीन को क्या हासिल होगा? चीन इतना नासमझ तो नहीं है कि वो केवल पतंजलि को मुनाफा कमाने के लिए अपने यहां आने देगा। जहां तक आयुर्वेद की बात है तो चीन में भी इलाज की कई देशी पद्धतियां मौजूद हैं। अगर उसे देशी पद्धतियों को बढ़ावा देना ही होगा, तो वो अपने देश की पद्धतियों को प्रोत्साहन देगा, न कि रामदेव के फर्जी आयुर्वेदिक दावों की जो वैज्ञानिक कसौटी पर हमेशा खोटे साबित हुए हैं।

चीन के साथ रामदेव की पतंजलि ने समझौता 15 दिसंबर 2018 को किया था यानी केंद्र मोदी सरकार के आने के बाद, जब भाजपा और संघ के लोग चीनी झालरों और दियों के बहिष्कार का नारा लगाकर अपनी देशभक्ति का प्रचार कर रहे थे, तभी भाजपा के चुनाव प्रचार में अहम भूमिका निभाने वाले रामदेव चीन के साथ व्यापारिक समझौता कर रहे थे। बहरहाल, अब रामदेव को आगे आकर बताना चाहिए कि ये समझौता किस तरह का था, और क्या पतंजलि जो उत्पाद स्वदेशी के नाम पर और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के विरोध के नाम पर बेचती है, उनमें चीन का योगदान क्या और कितना है। रामदेव को बताना चाहिए कि अगर वे चीन के साथ हुए सभी समझौते तोड़ने की मांग भारत सरकार से करते हैं तो क्या वो पतंजलि का चीन के साथ हुआ समझौता भी रद्द करेंगे। 

इसके पहले फरवरी 2018 में, डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस ने पतंजलि ग्रुप की 50 टन चंदन की लकड़ियां भी जब्त की थीं, जो कि चीन भेजी जा रही थीं। ये भी रामदेव के चीन के साथ संबंधों का सबूत है। खास बात ये भी कि जो चंदन की लकड़ियां चीन भेजी जा रही थीं, उनके निर्यात पर प्रतिबंध है। केवल साधारण किस्म की चंदन की लकड़ियां बाहर भेजी जा सकती हैं, लेकिन इन्हीं की आड़ में रामदेव ए ग्रेड की लकड़ियां चीन पहुंचा रहे थे। इससे ये तो साबित होता है कि रामदेव की कंपनी चीन को चंदन की लकड़ियां भी सप्लाई करती है, और उसका व्यापारिक समझौता केवल आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार तक सीमित नहीं है।

किसी भी सूरत में ये बात तो साबित होती है कि चीन रामदेव का व्यापारिक सहयोगी है, ऐसे में अपने व्यापारिक सहयोगी के साथ उनकी सद्भावना भी निश्चित रूप से होगी। चीन के खिलाफ केवल मुंहजबानी बयान देना, और अंदरखाने मिलकर व्यापार करना पूंजीपति रामदेव की दोहरी चाल ही कही जा सकती है।

(अब आप नेशनल इंडिया न्यूज़ के साथ फेसबुक, ट्विटर और यू-ट्यूब पर जुड़ सकते हैं.)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

बालेश्वर यादव की पूरी कहानी !

By_Manish Ranjan बालेश्वर यादव भोजपुरी जगत के पहले सुपरस्टार थे। उनके गाये लोकगीत बहुत ही …