बसपाच्या प्रमुख मायावती अनुसरण बौद्ध पेक्षा हिंदू
घेतलेल्या: ज्योति कुमारी
महाराष्ट्र के नागपुर में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करने पहुंचीं बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को बड़ा ऐलान किया है। मायावती ने कहा कि बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की तरह ही वह भी हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म) अपना लेंगी। हालांकि, ये फैसला वह सही और उचित समय पर लेंगी। इतना ही नहीं, उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर भी आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने भारत को हिंदू राष्ट्र बताया था।
न्यूज 18 में छपी खबर के अनुसार नागपुर में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा, ‘आप लोग मेरे धर्म परिवर्तन के बारे में भी सोचते होंगे। तो मैं आपको बता दूं कि मैं भी बौद्ध धर्म की दीक्षा जरूर लूंगी। बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने अपने देहांत से कुछ वक्त पहले अपना धर्म परिवर्तन किया था।
मैं भी बौद्ध धर्म की अनुयायी बनने के लिए दीक्षा अवश्य लूंगी, लेकिन यह तब होगा जब इसका सही समय आ जाए। ऐसा तब होगा जब पूरे देश में बड़ी संख्या में लोग ऐसा धर्मांतरण करें. धर्मांतरण की यह प्रक्रिया भी तब संभव है, जब बाबा साहब के अनुयायी राजनीतिक जीवन में भी उनके बताए रास्ते का अनुसरण करें। ‘
मायावती ने आगे बोलते हुए कहा कि वह आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान से सहमत नहीं हैं, जिसमें उन्होंने भारत को हिंदू राष्ट्र बताया था। मायावती ने कहा कि बाबा साहब आंबेडकर ने धर्मनिरपेक्षता के आधार पर संविधान बनाया था।
उन्होंने धर्मनिरपेक्षता के आधार पर सभी धर्म के लोगों का ख्याल रखा था। आरएसएस प्रमुख को इस तरह का बयान देने से पहले सच्चर समिति की रिपोर्ट पढ़नी चाहिए। गौरतलब है कि विजयादशमी के अवसर पर नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख ने कहा था कि भारत हिंदू राष्ट्र है और यहां के मुस्लिम बहुत खुश हैं।
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