16 साल के किशोर बहुजन को जिंदा जलाने का हुआ खुलासा
बहुजनों के साथ हो रहे अत्याचारों की खबरें आती रहती है जैसा कि कुछ दिनों पहले ही पंजाब में एक बहुजन शख्स को खंभे से बांधकर बेरहमी से पीटा गया था. वही दूसरी तरफ पंजाब के मनसा में 16 साल के एक किशोर को खंभे से बांधकर जिंदा जलाने का मामला सामने आया है.
मनसा सिटी पुलिस स्टेशन के एसएचओ सुखजीत सिंह ने कहा, ‘हमारी जांच के आधार पर जसप्रीत सिंह को पहले रस्सी के सहारे खंभे से बांधा गया और फिर उस पर पेट्रोल छिड़ककर उसे आग लगा दी गई.’ जसप्रीत की मौके पर ही मौत हो गई.
मनसा के एसएसपी नरिंदर भार्गव ने इस मामले में तीन लोगों जशन सिंह, गुरजीत सिंह और राजू सिंह को गिरफ्तार किए जाने की पुष्टि की है.
एसएचओ सुखजीत सिंह ने कहा, ‘जसप्रीत का बड़ा भाई कुलविंदर सिंह आरोपी जशन सिंह की बहन राजो कौर के साथ लगभग ढाई साल पहले भाग गया था और दोनों ने बाद में शादी कर ली थी. यह दंपति अब मनसा से लगभग 30 किलोमीटर दूर बुलढाना में रहता है और शादी के बाद अभी तक अपने घर नहीं आया है.’
एसएचओ के अनुसार, ‘इस दंपति का एक साल का बेटा भी है. जशन के परिवार से मिली जानकारी के मुताबिक, जसप्रीत इस शादी को लेकर जशन और उसके परिवार को चिढ़ाता था और कहता था कि जल्द ही कुलविंदर उनके साथ रहने आएगा.’
सूत्रों का कहना है कि लड़की का परिवार इस शादी से खुश नहीं था और उन्होंने शादी के बाद दंपति को गांव नहीं लौटने को भी कहा था. परिवार का कहना है कि जसप्रीत की यही चिढ़ाने वाली आदत उसकी हत्या की वजह हो सकती है.
वहीं, जसप्रीत सिंह के पिता सूरत सिंह ने कहा कि शुक्रवार रात को जशन सिंह, उसका चचेरा भाई गुरजीत और उनका दोस्त राजू घर आए थे और वे जसप्रीत को कहीं लेकर गए. जब जसप्रीत वापस नहीं आया तो जसप्रीत के पिरावर ने पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसके बाद तलाशी शुरू की गई और रविवार को जसप्रीत का शव मिला.
रविवार शाम को जसप्रीत का पोस्टमार्टम किया गया, जिसके बाद उसके दाह संस्कार हुआ.
पंजाब के अनुसूचित जाति आयोग की प्रमुख तेजिंदर कौर ने कहा, ‘आयोग दलित बनाम अन्य जातियों के मामलों पर कार्रवाई करता है न कि दलित बनाम दलित मामले पर. इसमें कोई शक नहीं है कि यह क्रूरतम मामला है. यह निर्मम हत्या है और कानून के अनुरूप दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए.’
एक बहुजन संगठन ज़मीन प्राप्ति संघर्ष समिति (जेडपीएससी) के अध्यक्ष मुकेश मालौद ने कहा, ‘हम केवल तभी कार्रवाई करते हैं जब मामला निचली जातियों बनाम सवर्ण जातियों में हों लेकिन यह शर्मनाक घटना है और दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए.’ ऐसे कई मामले में जहां बहुजनों का बहिष्कार होता है लेकिन आरोपियों को सजा नहीं मिलती. जरुरी है आरोपी को सजा होना चाहे वो किसी जाति या समाज का हो लेकिन सरकार ऐसे मुद्दों पर कोई संज्ञान नहीं लेती.
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