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Uncategorized - March 7, 2020

सत्ताधारी सरकार की एक और मनमानी, 2 मलयाली न्यूज बैन

क्या सरकार अपनी सत्ता में सही लोगों के साथ अन्याय करती रहेगी ? क्या सही खबरे जनता तक पहुंचाना गलत है ? क्या सही काम करने की कीमत चुकानी पड़ेगी ? जी हां ऐसे ही एक सही काम करने की कीमत दो न्यूज चैनल को उनके चैनल बंद करके चुकानी पड़ी है. सरकार ने मलयाली न्यूज चैनल एशियानेट और मीडिया वन न्यूज को दंगे की कवरेज दिखाने पर बैन कर दिया है. दोनो ही न्यूज चैनल पर यह आरोप था कि वे एकतरफा न्यूज दिखा रहे है.

बता दें कि चैनलों का प्रसारण 6 मार्च की शाम से अगले 48 घंटों के लिए रोक दिया गया है. मंत्रालय ने ऐसा इसलिए किया क्योकि दोनों ही चैनलों की कवरेज भड़काऊ थी, उनका कहना है कि इससे हिंसा और ज्यादा बढ़ सकती थी.

दरअसल, प्रसारण के समय चैनल ने आरएसएस और दिल्ली पुलिस की कड़ी आलोचना की थी. जिसके बाद चैनल वन ने सरकार के बैन को अदालत में चुनौती देने की बात भी कही थी. इसी को लेकर इस मामले ने तूल पकड़ा है. दोनों चैनलों की मुसबीत तब बढ़ी जब चैनलों ने दिल्ली के हिंसा की खबरे प्रसारित की.

लेकिन क्या मीडिया को अब सच्चाई दिखाने का भी अधिकार नही है. आखिर मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है. देश के बिगड़ते हालात की तस्वीर दुनिया तक पहुंचाने के लिए 48 घंटे के लिए बैन कर दिया. लेकिन दंगा भड़काने वाले बयान देने के लिए कपिल मिश्रा को गिरफ्तार नही किया गया यहां तक कि उसे y+ श्रेणी की सुरक्षा तक दे दी गई है.

इसके साथ ही एस मुरलीधर के दिल्ली पुलिस को फटकार लगाने और दंगा भड़काने वाले लोगों के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए उनका ही तबादला कर दिया गया. यह तो है हमारे देश की सरकार जो सच के साथ खड़े होने के लिए सजा सुनाती है और दोषियों को खरोच तक नही आने देती. अब देखना यह होगा कि आखिर कब तक सरकार की मनमानी यूं ही चलती रहती है.

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