जातिवाद का स्तर तो देखो, राष्ट्रपति की सुरक्षा में नहीं होना चाहिए कोई एससी-एसटी गार्ड
नई दिल्ली। रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित करते वक्त बीजेपी ने जोर शोर से उनका दलित वर्ग से होना प्रचारित किया था। लेकिन सामाजिक चिंंतकों का स्पष्ट मत था कि जन्म से दलित होने भर से कोई दलितों का हितैषी हो जाएगा इस बात की क्या गारंंटी है ? लोगों का यहां तक कहना है कि अभी तक कोविंद जी ने दलितों के अधिकार के लिए कोई विशेष संघर्ष नहीं किया है।
इन सब आरोप-प्रत्यारोप के बीच कोविंद जी राष्ट्रपति बन गए जो पहले से ही तय था। अब राष्ट्रपति कोविंद की सुरक्षा से जुड़ी चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है। खबर के मुताबिक राष्ट्रपति के अंगरक्षक की भर्ती में दलितों और एसटी को शामिल होने से स्पष्ट मना कर दिया गया है।
स्पष्ट निर्देश एससी-एसटी नहीं चाहिए-
राष्ट्रपति अंगरक्षक के लिए सितंबर माह में भर्ती होगी। सेना भर्ती निदेशक, भर्ती कार्यालय हमीरपुर( हिमांचल प्रदेश) ने बताया कि इस भर्ती रैली में सिख (मजहबी, रामदासिया, एससी और एसटी को छोड़कर) जाट और राजपूत की भर्ती की जाएगी।
उन्होंने बताया कि इस भर्ती रैली में उपयुक्त उम्मीदवार राष्ट्रपति अंगरक्षक भवन, न्यू दिल्ली में चार सितंबर को सुबह 7:30 बजे पहुंचना सुनिश्चित करें। भर्ती रैली में साढ़े 17 से 21 वर्ष आयु वर्ग के उम्मीदवार भाग ले सकते हैं।
सिख, जाट और राजपूत होना अनिवार्य-
भर्ती के लिए उम्मीवार की शैक्षणिक योग्यता 45 प्रतिशत अंकों के साथ दसवीं अथवा दस जमा दो तथा उम्मीदवार की लंबाई 6 फुट (183 सेंटीमीटर) और सिख, जाट और राजपूत वर्ग से होना अनिवार्य है।
उम्मीदवार को भर्ती के समय 10वीं कक्षा उत्तीर्ण अंक तालिका और प्रमाण-पत्र, डोमिसाइल प्रमाण-पत्र, जाति प्रमाण-पत्र, चरित्र प्रमाण-पत्र (6 माह पुराना नहीं होना चाहिए), रंगीन फोटोग्राफ, राशन कार्ड, एनसीसी/स्पोर्ट्स प्रमाण-पत्र और आधार कार्ड साथ ले जाना होगा।
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