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Uncategorized - May 22, 2017

लगातार बैठने से सेहत को भारी नुकसान

नई दिल्‍ली : एक ही जगह पर अधिक समय तक बैठे रहना दिल के लिए खतरनाक है। विश्व में होने वाली कुल मौतों में से 4 प्रतिशत लोगों की मौत सिर्फ इसलिए हुई क्योंकि वह एक दिन में 3 से 4 घंटे तक बैठे रहते हैं। लगातार बैठे रहना, आराम करना या जागते हुए भी लेटे रहना या पढ़ते हुए, टीवी देखने या कंप्यूटर पर लंबे समय तक काम करना या लेटे हुए उन पर काम करना आदि भी जोखिम पैदा कर सकता है। ये सेहत के लिए काफी नुकसानदेह है, जोकि जानलेवा बन रही है१ काम की वजह से यदि आप कुर्सी पर 3 घंटे से लगातार बैठे हैं तो जान लें यह सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। दुनिया में 54 देशों में हाल में हुए अध्ययन के आधार पर पाया गया कि दुनिया में 3.8 प्रतिशत लोगों की मौत का कारण 3 घंटे या उससे ज्यादा देर तक कुर्सी पर लगातार बैठे रहना है। यानी केवल इस आदत से हर साल 4.33 लाख लोगों की मौत हो रही है। अमेरिकन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव मेडीसिन में प्रकाशित यह ताजा अध्ययन स्पेन की सेन जॉर्ज यूनिवर्सिटी ज़ारागोज़ा ने किया है। इस अध्ययन में चेयर इफेक्ट को लेकर 2002 से 2011 के बीच के आंकड़े देखे गए।
इस अध्ययन के प्रमुख लेखक लियोनार्डो रेज़ेन्डे कहते हैं कि समय से पूर्व बीमारियों की वजह से होने वाली मौतों को रोकने के लिए व्यक्ति को अपनी व्यवहारिक आदतों में बदलाव करना चाहिए। अध्ययन कहता है कि 60 फीसदी लोग 3 घंटे से ज्यादा समय तक अपनी जगह पर बैठे रहते हैं। युवा हर दिन करीब 4.7 घंटे लगातार कुर्सी पर बैठ रहे हैं। उन्होंने अपने अध्ययन में इस बात पर भी जोर दिया कि अपने बैठने के घंटों को कम करके लाइफ एक्सपेंटेंसी में सालाना 0.20 फीसदी का इजाफा किया जा सकता है। लगातार बैठे रहने की वजह से सबसे ज्यादा मौतें यूरोपीय देशों, मध्यपूर्वी देशों, अमेरिका और दक्षिण एशियाई देशों में हुई। इसमें सबसे ज्यादा 11.6 फीसदी लेबनान, 7.6 फीसदी नीदरलैंड और 6.9 फीसदी डेनमार्क में हुईं। अध्ययन में यह भी बताया है कि यदि हम अपने लगातार बैठने के समय में 2 घंटों की कमी कर लें तो इसकी वजह से होने वाली मौत के खतरे को तीन गुना तक कम कर सकते हैं। यानी यह खतरा 2.3 फीसदी तक कम हो जाएगा। लगातार बैठने से होनी वाली मौतें सबसे ज्यादा लेबनान में हुईं। यहां यह आंकड़ा 11.6 फीसदी पाया गया। नीदरलैंड 7.6फीसदी, डेनमार्क 6.9 फीसदी है।

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