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Uncategorized - June 21, 2019

डॉ मनीषा बांगर एक शानदार समर्पित शख्सियत…

By- Dr. Jayant Chandrapal

मुझे नहीं लगता की मनीषाजी की शख्शियत आज किसीके द्वारा दी गई पहचान की मोहताज है… उनके विचार, उनके कार्य, उनके आन्दोलन ने ही उनकी शख्सियत को समाजजीवन में उभारा है.

आज सोशल मीडिया के जमाने में लोग जब हवा-हवाई में वाह वाही लूटने की फ़िराक में लगे रहते है; जिनका जमीनी स्तर पर कुछ भी कॉन्ट्रिब्यूशन नहीं होता ऐसे समय में मनीषाजी हमें दिखाई देती है जमीनी स्तर पर गुर्राते हुए आन्दोलन करती हुई…

वह हमें नज़र आती है…

कभी स्त्री सन्मान पर

तो कभी मूलनिवासी पहचान पर

बहुजन आन्दोलन पर

राजनितिक वर्तमान पर

धर्म के विधि विधान पर

ब्राह्मणवाद और मनुवाद को आड़े हाथ लेते हुए

धर्मान्धता की खाल उधेड़ते हुए |

डरती नहीं कुछ भी कहने से

संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति के अधिकार का उपयोग निर्भीकता से करते हुए |

वह हर मोर्चे पर लडती हुयी नज़र आती है कोई भी मुद्दा हो

रोहित वेमुला संस्थागत हत्या का मुद्दा हो,

भीमां-कोरेगांव का मुद्दा हो,

मोब लीन्चिंग का मुद्दा हो,

कैराना..ऊना..उत्पीड़न कांड का मुद्दा हो,

आरक्षण का मुद्दा हो,

डेल्टा-जीशा-संजली-पायल तडवी हत्याकांड का मुद्दा हो,

EVM हैकिंग का मुद्दा हो,

संविधान के मुद्दे हो,

मूलनिवासी महामानवो के ऐतिहासिक मुद्दे हो,

जेएनयू, डीयू केंद्रीय विश्वविद्यालय, कैंपस के मुद्दे हो,

साम्यवादी षड्यंत्रों के मुद्दे हो,

UGC के मुद्दे हो,

मुद्दा 13 पॉइंट रोस्टर आन्दोलन का हो

बहुजनो के विरुध्ध सरकारी षड्यंत्रों के मुद्दे हो,

मूलनिवासी संस्कृति एवं सभ्यता के मुद्दे हो,

धर्मान्धता के मुद्दे हो,

अर्थव्यवस्था के मुद्दे हो,

#MeeToo जैसी अभिजात्य वर्ग की गेम हो,

बहुजन सामाजिक संगठनो की गतिविधियाँ हो,

बहुजन आन्दोलन के सन्दर्भ में कुछ भी हो

पलभर में हमें मनीषा जी दीखाई देती है जमीनी स्तर पर आन्दोलन कारीओ के साथ पहली पंक्ति में इतना ही नहीं सोशल मीडिया में भी तुरत-फ़ुरत उपस्थित रहती है मूलनिवासी.. बहुजन.. फुले अम्बेडकरी विचारधारा आधारित विमर्श लिए.

जिन मुद्दों पर शेठजी भट्टजी मीडिया चुप्पी साध लेता है, वहां जलते सवालों की बौछार लिए चट्टान की तरह खड़ी हो जाती है…

National India News की मुख्य निर्देशिका…

डॉ मनीषा बांगर हमें नज़र आती है इंटरव्यूज.. विमर्श.. बहस.. सवाल.. लिए मूलनिवासी बहुजन आन्दोलन को नए आयाम देते हुए…

मैं पहले भी लिख चुका हूँ की… उनके द्वारा संचालित नेशनल इंडिया न्यूज़ यू ट्यूब चैनल आज भले ही एक चिंगारी है मगर यह कल का दावानल है…

इतना ही नहीं उनका यह प्रचार माध्यम भारत के उन करोड़ों दबे, कुचले और वंचित लोगों की… मूलनिवासी बहुजनो की आवाज बन चुका है, जिनका सदियों से एक लोकतांत्रिक समाज में जीने का सपना आज भी अधूरा है

सावित्रि… फातिमा… रमाई… के सपनो की बुलंद तस्वीर बन चुकी मनीषा बांगर तेज तर्रार अद्भूत वक्ता है, लेखिका है, मूलनिवासी बहुजन आन्दोलनकारी है और प्रखर राजनेत्री भी है:

आज वह सामाजिक राजनितिक जनजागरण की जिन बुलंदियों को छू रही है इसके लिए इतना ही कहा जा सकता है की…

नज़र-नज़र में उतरना कमाल होता है

नफ़स-नफ़स में बिखरना कमाल होता है

बुलंदियों पे पहुँचना कोई कमाल नहीं

बुलंदियों पे ठहरना कमाल होता है

मनीषाजी का मिशन के साथी के रूप में… एक मित्र के रूप में मिलना बेहद ख़ुशी ही नहीं बड़े ही गर्व और गौरव की बात है…

आज उनके जन्मदीन पर उनके लम्बे (Long) एवं बड़े (Great) आयुष्य की कामना करते हुए मुईन शादाब का यह शेर उनकी खिदमत में

उस पर ही फूलों की बारिश होती है

जिस की हर बात में चिंगारी होती है |

शानदार समर्पित शख्सियत डॉ मनीषा बांगर को जन्मदीन की ढेर सारी शुभकामनाओ के साथ…

जयभीम… जयमुलनिवासी… जयभारत…

By- डॉ जयंत चंद्रपाल

समाजिक चिंतक, राजनीतिक समीक्षक, लेख

 

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