Home Current Affairs क्या चीन को बचाना चाह रही है केंद्र सरकार ?

क्या चीन को बचाना चाह रही है केंद्र सरकार ?

ये कहना गलत नहीं होगा की पूरी दुनिया के लिए 2020 काल बनकर आया है। और इसका खामियाजा सबसे ज्यादा इस देश को भुगतना पड़ा रहा है। दराअसल पहले कोरोना,भूकंप, तूफान और अब चीन भारत बार्डर पर तनाव। और सरकार इस पर भी हर बार की तरह बैठक से चीन से सामना करने की बात कर रही है। बता दें की भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा पर तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा। दराअसल गलवान घाटी में चीन और भारत के सेनाओं के बीच खूनी हुई झड़प में भारत के करीब 20 से ज्यादा जवान शहीद हो गए जबकि 76 सैनिक घायल हो गए। लेकिन चीन की तरफ कितना नुकसान हुआ है,इसकी कोई पुष्टि नहीं हो पाई है

ये किस हद तक वाजिब है क्या देश के लिए शहीद हुए जवानों के लिए आप बैठक कर मामले को सुलझाएंगे। क्या हमारे जवानों की जान का बदला सिर्फ एक बैठक से निकलेगा। या ये कहे की आप सिर्फ और सिर्फ यहा भी अपनी दोस्ती जिन पींग से निभाने के लिए पूरे देश को खतरे में झोंक रहे है।जानकारी के मुताबिक सैटेलाइट तस्वीरों के जरिए LACपर चीन की कारस्तानियां साफ देखी जा सकती हैं। एक सैटेलाइट तस्वीर में तो यह भी साफ हुआ है कि गलवान घाटी में LAC के अपनी तरफ चीन ने बड़ी संख्या में सैनिकों के साथ बुलडोजर तैनात किए हैं। इसमें देखा जा सकता है कि जहां-जहां बुलडोजर तैनात हैं, वहां गलवान नदी के बहाव में कुछ बदलाव आया है। इसके अलावा LAC के पार चीन के 5 किलोमीटर के दायरे में ही 100 से ज्यादा बख्तरबंद गाड़ियों और बुलडोजरों के होने की बात साफ है। लेकिन अगर इतना सब होने के बाद भी सरकार चुप है तो इस सरकार को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं

जिसको लेकर राहुल गांधी ने पीएम पर निशाना साधते हुए कहा की पीएम ने चीन को भारत की जमीन सरेंडर की जिसके लिए सिर्फ और सिर्फ केंद्र सरकार जिम्मेदार है। साथ ही साथ कांग्रेस ने अपने ट्वीटर पेज पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा की रंग बदलना बीजेपी की फितरत है। बीजेपी को किसी भी बयान से पहले अपने अतीत में जरूर झांक लेना चाहिए।

आपकी जानकारी के लिए बता दें की इस बैठक में चीन को लेकर जारी विवाद और मौजूदा हालात पर चर्चा की जारी है। जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, NCP प्रमुख शरद पवार समेत कई दिग्गज नेता इस बैठक में शामिल हुए। लेकिन कुछ राजनीतिक दलों को न्योता नहीं मिला, जिसके कारण विवाद भी हुआ। आम आदमी पार्टी की ओर से आरोप लगाया गया कि उनके चार सांसद हैं, राज्यसभा में भी प्रतिनिधि हैं. ऐसे में उन्हें न्योता नहीं दिया गया है,

दूसरी ओर राष्ट्रीय जनता दल को भी न्योता नहीं मिला है ऐसे में तेजस्वी यादव ने भी सवाल खड़े किए हैं।हालांकि, सरकार ने इसपर सफाई देते हुए कहा की कि जिन पार्टियों के लोकसभा में पांच से अधिक सांसद हैं, उन्हें इस बैठक में शामिल होने का न्योता दिया गया है. दूसरी ओर TDP को चार सांसद होने के बावजूद न्योता मिला है।वहीं सोनिया गांधी ने भी चीन भारत के युद्ध को लेकर सरकार को जमकर खरी खोटी सुनाई।

जिसके बाद उन्होने देश को संबोधित करते हुए कहा की मैं आप सभी देशवासियों को भरोसा दिलाता हूं की जवानों का देश के लिए ये बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। साथ ही साथ बैठक में पीएम मोदी ने ये भी कहा की  ना तो कोई हमारी सीमा में घुसा और ना ही हमारी पोस्ट किसी के कब्जे में है अब सोचिए की एक्शन लेने की बात तो दूर पीएम हर बार की तरह अपनी बातों से यहां  भी पलट गए।

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