क्या 13 मई से शुरू हो जायेगा तीसरा विश्व युद्ध
क्या सचमुच अमेरिका और नॉर्थ कोरिया के बीच रिश्ते इतने खराब हो चुके हैं कि बस जंग ही इसका आखिरी हल है. क्या नॉर्थ कोरिया के तानाशाह और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ठान लिया है कि जंग होकर रहेगी. क्या इस जंग की तारीख भी तय हो चुकी है. और क्या इस जंग के साथ तीसरा विश्व युद्ध भी शुरू हो जाएगा? दरअसल ये सारे सवाल इसलिए अचानक सिर उठा रहे हैं क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने की भविष्यवाणी करने वाले होरासियो विलेगस की अगली भविष्यवाणी ये है कि इसी महीने की 13 तारीख को तीसरा विश्व युद्ध शुरू होने वाला है, जो पांच महीनों तक चलेगा.
सिर्फ ऐसी मान्यता है कि 13 की तारीख शुभ नहीं होती. अंक शास्त्र में इसे नंबर ऑफ डेथ. ईसाई धर्म में शैतान का अंक और हिंदू धर्म में अशुभ माना जाता है. मगर अब इसी 13 तारीख को याद कर लीजिए. डायरी हो तो इसे नोट भी कर लीजिए. और ये दुआ कीजिए कि होरासियो विलेगस की ये भविष्यवाणी सच न हो. क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो इंसानियत के लिए ये कतई भी शुभ न होगा. अमेरिका के टेक्सास में रहने वाले होरासियो विलेगस ने 2015 में डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने की भविष्यवाणी करने के बाद अब एक नई भविष्यवाणी की है. ये नई भविष्यवाणी विश्वयुद्ध की है. विलेगस जो खुद को भगवान का दूत बताते हैं, उनके मुताबिक इस महीने की 13 तारीख से शुरू हो जाएगा विश्वयुद्ध. हालांकि जिस तरह के हालात मौजूदा वक़्त में अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच है, उसे देखते हुए ये कयास तो दुनिया के कई जानकार पहले ही लगा चुके हैं कि बहुत जल्द दोनों देशों के बीच जंग और विश्वयुद्ध छिड़ सकता है. मगर विलेगस की भविष्यवाणी डराने वाली इसलिए है क्योंकि उनके मुताबिक ये विश्वयुद्ध पूरे 5 महीने चलेगा और इसका अंत 13 अक्टूबर को होगा. विलेगस की मानें तो इस विश्वयुद्ध में अमेरिका, उत्तर कोरिया, दक्षिण कोरिया, जापान के साथ-साथ सीरिया, रूस और चीन भी शामिल हो जाएंगे. ये पहली बार है जब किसी सटीक तारीख के साथ किसी ने इतनी बड़ी भविष्यवाणी की है. लिहाज़ा विलेगस के दावे पर दुनिया भर में बहस छिड़ गई है. मामला इसलिए भी गर्म है. क्योकि उत्तर कोरिया और सीरिया को लेकर अमेरिका की रणनीति अब किसी से छिपी हुई नहीं है. और अंदेशा जताया जा रहा है कि कभी भी बड़ी जंग छिड़ सकती है. पूरी दुनिया को डराते हुए विलेगस ने ये भी भविष्यवाणी की है कि ये महायुद्ध पूरी तरह से परमाणु युद्ध होगा. और इसमें मौत और तबाही बेहिसाब होगी. जिसमें दुनिया का एक बड़ा हिस्सा खत्म हो जाएगा. उत्तर कोरिया के लगातार परीक्षण के बाद हालांकि ये कयास तो काफी पहले से लगाया जा रहा था.
उत्तर कोरिया के तानाशाह किम-जोंग-उन भी बराबर परमाणु हमले की धमकी देते आ रहे हैं. इसी से जुड़ी विलेगस की एक और भविष्यवाणी के मुताबिक दुनिया के कई बड़े देश सीरिया पर हमला कर देंगे, जो कि केमिकल अटैक यानी रासायनिक हमला होगा. इस जंग में सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद की बम विस्फोट में मौत हो जाएगी. बताया गया कि बशर की मौत के बाद ये जंग बहुत भयानक रूप ले लेगी. सीरिया के मुद्दे पर अमेरिका, चीन, रूस और उत्तर कोरिया के बीच तनाव बढ़ जाएगा. सोशल मीडिया पर होरासियो विलेगस की भविष्यवाणी को लेकर दावा किया जा रहा है कि सीरिया ही तीसरे विश्वयुद्ध की वजह बनेगा. एक तरफ जहां अमेरिका ने सीरिया पर शक्तिशाली हमला किया वहीं दूसरी तरफ उसने अफगानिस्तान पर मदर ऑफ ऑल बम का विस्फोट किया और अब उसके जंगी जहाज कोरियाई पेनिनसुला में उत्तर कोरिया के लिए तैनात हैं. जिस पर रूस और चीन जैसे देश नज़र बनाए हुए हैं.
इस बीच नॉर्थ कोरिया और अमेरिका के बीच जुबानी जंग भी तेज़ है. और ऐसे में अगर विलेगस की भविष्यवाणी के मुताबिक 13 मई से वर्ल्ड वॉर-3 शुरू हो गया तो यकीनन 13 नंबर इतिहास के पन्ने में काली तारीख के तौर पर दर्ज हो जाएगा. एक तरफ जहां अमेरिकी भविष्यवक्ता होरासियो विलेगस ने 13 मई से तीसरे विश्ययुद्ध की भविष्यवाणी की है, वहीं दूसरी तरफ विश्वयुद्ध से पहले ही अमेरिकी और दक्षिण कोरियाई खुफिया एजेंसियों ने मिलकर नॉर्थ कोरिया के सनकी तानाशाह किम-जोंग-उन की मौत का खुफिया फरमान जारी कर दिया है. उत्तर कोरिया ने दावा किया है कि दुश्मनों ने किम-जोंग-उन की हत्या की साजिश तैयार कर ली है. और उसे किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में मारने का प्लान है. नॉर्थ कोरिया के तानाशाह को मारने की सुपारी जारी कर दी गई है. खुफिया सूत्रों से ऐसी खबरें आ रही हैं कि किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में होगा किम-जोंग-उन पर अटैक. और अगर इन खबरों को सच माना जाए तो किम पर ये हमला बायोकेमिकल वेपन से किया जाएगा. हमेशा फुल कॉन्फिडेंस में रहने वाले नॉर्थ कोरियाई तानाशाह को खुफिया सूत्रों की इस खबर ने परेशान कर दिया है. बताया जा रहा है कि इस खबर के बाद से ही किम-जोंग-उन को उसके सुरक्षा सलाहकारों ने सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूरी बनाने की सलाह दी है. उत्तर कोरिया के खुफिया सूत्रों के मुताबिक अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए और दक्षिण कोरिया की खुफिया एजेंसी ने मिलकर एक किराए के कातिल को इस काम के लिए लगाया है. हालांकि ये अंदेशा सिर्फ और सिर्फ उत्तर कोरिया की तरफ से ही ज़ाहिर किया गया है. वहां की समाचार एजेंसी कीसीएनए में एक बयान मुताबिक इस साज़िश में जैव रासायनिक पदार्थों में रेडियोधर्मी पदार्थ और नैनो सबस्टेंस का इस्तेमाल किया जा सकता है. उत्तर कोरिया के सूत्रों के मुताबिक सीआईए और दक्षिण कोरिया की खुफिया एजेंसी ने मिलकर जिस किराए के कातिल को ये काम दिया है वो किसी सैन्य परेड या सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान किम जोंग उन को निशाना बना सकता है. बताया जा रहा है कि एक बार ये हमला होने के बाद इसका असर छह से 12 महीनों तक नहीं दिखेगा. मगर उसके बाद किम धीरे-धीरे मौत की तरफ बढ़ने लगेगा. जानकार उत्तर कोरिया के इस दावों को इसलिए भी सच मान रहे हैं कि अभी कुछ दिन पहले ही युद्ध के तनाव को खत्म करने के लिए सीआईए ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को किम-जोंग की हत्या कराने की सलाह दी थी. खबरों के मुताबिक किम-जोंग-उन को मारने के लिए एक कोरियाई शख्स को ही इसकी सुपारी दी गई है, ताकि उसके लिए नॉर्थ कोरिया में इस काम को अंजाम देना आसान हो. बताया जा रहा है कि किराए के इस कातिल से किम को मारने की डील रूस में करीब 3 लाख डॉलर में हुई है. इतना ही नहीं, किम का कातिल नॉर्थ कोरिया की सीमा के अंदर दाखिल हो चुका है. जिस शख्स को किम-जोंग-उन की हत्या का ज़िम्मा दिया गया है, वो रहने वाला तो नॉर्थ कोरिया का था मगर पिछले काफी वक्त से रूस में रह रहा था. हालांकि इन खबरों की सत्यता का कोई ठोस प्रमाण नहीं है. फिर भी नॉर्थ कोरिया की मीडिया में ये खबरें ज़ोर-शोर से दिखाई जा रही हैं. लिहाज़ा किम-जोंग के अधिकारी देश में मौजूद हर शख्स को शक़ की निगाह से देख रहे हैं. अमेरिकी-दक्षिण कोरियाई जासूसों को ढूंढ निकालने का ऑपेरशन चलाया जा रहा है. नॉर्थ कोरिया के दावों के मुताबिक सिर्फ किराए का कातिल ही उनके नेता को मारने की खुफिया प्लानिंग नहीं कर रहा है बल्कि साउथ कोरिया के कमांडो भी किम की हत्या की साज़िश रच रहे हैं. खबर है कि साउथ कोरिया खुफिया तरीके से अपने स्पेशल कमांडोज़ को ट्रेनिंग दे रहा है, ताकि जंग के हालात में वो नार्थ कोरिया में दाखिल होकर किम-जोंग-उन पर हमला कर उसे मार सकें. जिसकी इजाज़त के बिना नॉर्थ कोरिया में पत्ता तक नहीं हिलता. जिसके सामने पूरा मुल्क झुकता है. अब उसे झुकाने के लिए दक्षिण कोरिया के कमांडो पूरी तरह से मुस्तैद हो रहे हैं. दक्षिण कोरियाई स्पेशल कमांडों को जो ट्रेनिंग दी जाती है उसे पूरी दुनिया में सबसे मुश्किल माना जाता है.
इसीलिए न सिर्फ इनका जिस्म फौलाद हो जाता है बल्कि फुर्ती चीते से भी तेज़ होती है. दर्द क्या होता है इन्हें मालूम नहीं. हौसला ऐसा कि दुश्मन का दम निकाल दें. अब इन्हीं कमांडो को मिला है किम-जोंग-उन को मारने का मिशन. ये कहने की ज़रूरत नहीं कि जो काम इन्हें दिया जाता है ये उसे पूरा करके ही ये दम लेते हैं. यानी किम-जोंग-उन का बुरा वक़्त शुरू हो चुका है. बताया जा रहा है कि दक्षिण कोरिया की इस तैयारी से किम-जोंग-उन के सुरक्षा अधिकारी बेहद सकते में हैं. उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि दक्षिण कोरिया के ये कमांडो उनके नेता पर हमला करेंगे तो उसका जवाब इनके पास क्या होगा. प्लान ये है कि अगर जंग के हालात पैदा होते हैं तो दक्षिण कोरिया के ये कमांडो नॉर्थ कोरिया में दाखिल होंगे. बेहद खुफिया तौर पर किम-जोंग तक पहुंचेगे और मौका मिलते ही उसे मौत के घाट उतार दिया जाएगा.
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