जानें रोहिंग्या मुसलमानों के कत्लेआम पर मलाला युसुफ़जई ने सान सू ची से क्या पूछा ?
नई दिल्ली। नोबल पुरस्कार विजेता मलाला युसुफ़जई ने म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची से म्यांमार में जारी हिंसा के मुद्दे पर दख़ल देने की अपील की है. मलाला युसुफ़जई ने ट्विटर पर अपना एक बयान जारी करके हिंसा की निंदा की और कहा, “म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के साथ जो हो रहा है उससे मैं दुखी हूं. मलाला ने लिखा, “बीते कई सालों में मैंने इस दुखद और शर्मनाक व्यवहार की निंदा की है. मैं इंतज़ार कर रही हूं कि नोबल पुरस्कार विजेता आंग सान सू ची भी इसका विरोध करें. पूरी दुनिया और रोहिंग्या मुसलमान इंतज़ार कर रहे हैं.”
मलाला के सवाल
वहीं मलाला ने रोहिंग्या मुसलमानों के साथ हो रही हिंसा रोकनी की अपील करते हुए कुछ सवाल भी किए हैं.
मलाला ने कहा, “हिंसा बंद करो. आज मैंने तस्वीरें देखीं जिनमें म्यांमार के सुरक्षाबल बच्चों की हत्या कर रहे हैं. इन बच्चों ने किसी पर हमला नहीं किया लेकिन फिर उनके घर जला दिए गए. मलाला ने सवाल किया, “अगर उनका घर म्यांमार में नहीं है तो उनकी पीढ़ियां कहां रह रही थीं? उनका मूल कहां है?” उन्होंने कहा, “रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार की नागरिकता दी जाए. वह देश जहां वे पैदा हुए हैं. पाकिस्तान का ज़िक्र करते हुए मालाला ने कहा, “दूसरे देशों, जिनमें मेरा अपना देश पाकिस्तान शामिल है, उन्हें बांग्लादेश का उदाहरण अपनाना चाहिए और हिंसा और आतंक से भाग रहे रोहिंग्या परिवारों को खाना, शरण और शिक्षा दें.”
हजारों रोहिंग्या मुसलमान कर रहे हैं पलायन
बता दें कि म्यांमार में जारी हिंसा की वजह से बड़ी रोहिंग्या मुसलमान पड़ोसी देश बांग्लादेश में शरण ले चुके हैं. अगर रोहिंग्या मुसलमानों के म्यांमार से पलायन की कुल संख्या की बात करें तो पिछले साल अक्टूबर से अब तक करीब 150,000 मुसलमान म्यांमार छोड़ चुुके हैं।हाल ही में एक मानवाधिकार समूह ने म्यांमार की सैटेलाइट तस्वीर में एक रोहिंग्या गांव के 700 से ज़्यादा घरों को जलाए जाने की सैटेलाइट तस्वीरें जारी की थीं.
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