भारत को ‘गरीब’ बताकर फजीहत झेल रहे स्नैपचैट ने दी सफाई
बीते कुछ दिनों से विवादों में रहे सोशल नेटवर्किंग कंपनी स्नैपचैट ने अपने मुख्य कार्यकारी अधिकारी इवान स्पीजेल के भारत को ‘गरीब’ बताने वाले बयान को लेकर सफाई दी है. अपने बयान के कारण पूरी दुनिया से आलोचनाएं झेलने और गूगल के एप स्टोर पर रेटिंग गिरने से परेशान स्नैपचैट अब क्षतिपूर्ति करता नजर आ रहा है.
स्नैपचैट ने एक बयान जारी कर स्पीजेल के कथित बयान को ‘हास्यास्पद’ करार दिया है और कहा है कि यह बातें स्नैपचैट से नाराज उसके एक पूर्व कर्मचारी ने लिखी है. स्नैपचैट ने अपने बयान में कहा है, “भारत और शेष विश्व में स्नैपचैट पर मौजूद समुदाय पर हमें गर्व है.”
इसी वर्ष मार्च में शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के बाद 24 अरब डॉलर का आईपीओ बेचकर चर्चा में आई स्नैपचैट को बाजार विश्लेषक शीर्ष सोशल साइट फेसबुक का प्रबल प्रतिद्वंद्वी मान रहे थे.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, अपने कारोबार को हो रहे नुकसान को देखते हुए स्नैपचैट ने क्षतिपूर्ति के इरादे से कहा है कि स्पीजेल ने कभी ऐसा बयान नहीं दिया और स्नैपचैट के एक पूर्व असंतुष्ट कर्मचारी ने गुस्से में यह सब लिखा था.
हाल ही में स्नैपचैट के पूर्व कर्मचारी एंथनी पोम्प्लियानो ने अदालत में की गई अपनी शिकायत में स्पीजेल के हवाले से यह बातें कही थीं, जिसे स्नैपचैट ने ‘हास्यास्पद’ कहा है.
पोम्प्लियानो ने इसी वर्ष जनवरी में लॉस एंजेलिस की सुपीरियर कोर्ट में यह मुकदमा दर्ज किया था. स्नैप इंक ने लिफाफाबंद इस गैर संपादित शिकायत की कॉपी को पिछले सप्ताह बिना संपादन के सार्वजनिक कर दिय
इसी शिकायतनामा में पोम्प्लियानो ने दावा किया है कि सितंबर, 2015 में उनसे स्पीजेल ने स्नैपचैट के मोबाइल एप के अंतर्राष्ट्रीय विकास योजना के बारे में कहा था, “यह एप सिर्फ अमीर लोगों के लिए है. मैं इसे भारत और स्पेन जैसे गरीब देशों में नहीं ले जाना चाहता.”
स्पीजेल का यह बयान सामने आने के साथ ही स्नैपचैट को समूचे विश्व से आलोचनाएं झेलनी पड़ी, खासकर भारत से. सोशल मीडिया पर लाखों की संख्या में स्नैपचैट के उपयोगकर्ताओं ने अपनी नाराजगी जाहिर की और गूगल के एप स्टोर पर उसकी रेटिंग गिरकर एक स्टार रह गई है.
Remembering Maulana Azad and his death anniversary
Maulana Abul Kalam Azad, also known as Maulana Azad, was an eminent Indian scholar, freedo…