सीआयएसएफ सैनिकांवरही कोरोनाचा कहर आहे, आतापर्यंत 18 सैनिकांचा मृत्यू
कोरोना ना कहर कोणाचा आकडा वाढत आहे 4 दहा लाखाहून अधिक गाठली आहे. तर मृतांचा आकडाही 14 के पार पहुंचने वाली है। तो वहीं साथ ही साथ CISF के जवानों पर भी कोरोना का कहर देखने को मिल रहा है। जहां 41 वर्षीय जवान की रविवार को कोविड-19 संक्रमण से मौत हो गई, इसके साथ ही इस महामारी से जान गंवाने वाले बल के जवानों की संख्या छह हो गई है।
तो वहीं अर्धसैनिक बलों के 18 जवान अब तक अपनी जान गवां चुके है। वहीं इस मामले को लेकर अधिकारियों ने बताया कि अब तक देश के पांच केंद्रीय अर्धसैनिक बल यानि CRPF,BSF, ITBP CISF और SSB के 18 जवानों की जान इस महामारी से जा चुकी है। जबकि 255 जवानों का इलाज चल रहा है।
आगे जानकारी देते हुए उन्होने बताया की कॉन्सटेबल जितेंद्र कुमार की मौत दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में हुई। उन्हें सांस लेने में परेशानी और बुखार होने के बाद 10 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जो दिल्ली में ड्यूटी करने के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे। लेकिन दूसरी तरफ ऐसा लग रहा है की सरकार पूरी तरह इस कोरोना से घबराई हुई है।
लेकिन ये वाकई में उल्लेखनीय है कि 1.62 लाख जवानों वाले इस बल में कोरोना वायरस से यह छठी मौत है। बल के पास देश के 60 हवाई अड्डों और प्रमुख औद्योगिक इकाइयों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है। CISF में शनिवार से अब तक तक 24 और जवानों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। बल के कुल 255 संक्रमित जवानों का इलाज चल रहा है, तर 347 जवान संक्रमण मुक्त हो चुके हैं।
जानकारी के लिए बता दें की बल में संक्रमण के सबसे अधिक मामले मद्रास उच्च न्यायालय की सुरक्षा में तैनात टुकड़ी में आए हैं। जहां पर 39 जवानों के कोविड-19 की चपेट में आने की पुष्टि हो चुकी है, वहीं दिल्ली हवाई अड्डे पर तैनात 28 जवान, गाजियाबाद स्थित रिजर्व बटालियन में 25 जवान, मुंबई हवाई अड्डे और दिल्ली मेट्रो में तैनात 17-17 जवान कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।
CISF के अलावा CRPF के 6 सील, BSF के तीन जवानों, SSB के दो जवानों आणि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के एक जवान की मौत कोरोना वायरस की वजह से हुई है। देश के इन केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में कुल 10 लाख से अधिक जवान तैनात है और कानून व्यवस्था संभालने, सीमा की सुरक्षा करने, आतंकवादियों के खिलाफ अभियान चलाने और आपदा राहत जैसी तमाम जिम्मेदारियों का निर्वहन ये जवान करते हैं।
लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है की सरकार से गलती कहा हो रही है। और अगर कही गलती हो भी रही है तो उसे देखने वाला कोई है या नहीं। अगर सरकार से वक्त पर हालातों पर काबू पा लिया होता तो देश आज ऐसी स्थिति में ना होता और लोगों ने अपना घर परिवार रोजगार ना खोया होता।
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