भारतात 6 पासून 42 लाख ही कोविड मृत्यूची मूळ संख्या आहे- न्यूयॉर्क टाइम्स स्टडी
स्वास्थ्य मंत्रालय के कोरोना डैशबोर्ड की मानें तो 24 अप्रैल तक भारत में 307231 लोगों की मृत्यु कोरोना से हो चुकी थी जबकि 26,948,800 लोग संक्रमित हो चुके थे. यह आंकड़ा अपने आप में भयानक है. सरकारी आंकड़ों में अंडररिर्पोटिंग की बात लगातार हो रही है. अब न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक दर्जन से भी अधिक विशेषज्ञों से परामर्श करके भारत के सरकारी मौत- संक्रमण के आंकड़ों के साथ-साथ लार्ज स्केल एंटीबॉडी टेस्ट के नतीजों के विश्लेषण किया है और कोरोना से मौत एवं संक्रमण का अनुमान लगाया है. जो नतीजे आए हैं बेहद भयावह हैं.
द क्विंट के लेख अनुसार इस विश्लेषण में भारत में कोरोना संक्रमितों और मौतों के वास्तविक आंकड़ों का अनुमान लगाने के लिए भारत में कराए गए तीन देशव्यापी एंटीबॉडी टेस्ट के नतीजों का इस्तेमाल किया गया. इन्हें सीरो सर्वे भी कहते हैं.इस विश्लेषण में भारत में कोरोना संक्रमितों और मौतों के वास्तविक आंकड़ों का अनुमान लगाने के लिए भारत में कराए गए तीन देशव्यापी एंटीबॉडी टेस्ट के नतीजों का इस्तेमाल किया गया. इन्हें सीरो सर्वे भी कहते हैं.

तीनों सीरो सर्वे के अनुसार वास्तविक संख्या सरकारी आंकड़ों से 13.5 गुना से लेकर 28.5 गुना तक ज्यादा थी. इस विश्लेषण के नतीजे पर पहुंचने के लिए ‘कम से कम’ वाले स्थिति में वास्तविक संक्रमितों की संख्या को सरकारी आंकड़ों के 15 गुना माना गया है. म्हणजे 24 मे 2021 तक अनुमानित वास्तविक संक्रमितों की संख्या 4.04 करोड़ होगी. इसी तरह ‘अधिक आशंका’ वाले स्थिति में यह 20 गुना जबकि ‘सबसे खराब स्थिति’ मध्ये 26 गुना ज्यादा माना गया है. इसका कारण है कि सीरो सर्वे में आए नतीजे यह बताते हैं कि वास्तविक संख्या सरकारी आंकड़ों से इस हद तक ज्यादा है.स्टडी में शामिल एक्सपर्ट एक बात और ये कहते हैं कि ये सीरो सर्व तब के हैं जब दूसरी लहर नहीं आई थी. यानी न अब के सर्वे में संक्रमण कहीं ज्यादा मिलेंगे लेकिन फिर भी अगर तब के सर्वे को ही पैमाना मानें तो भारत की आधी आबादी संक्रमित हुई होगी.
इसी तरह मौत के आंकड़ों के लिए ‘कम से कम’ वाले स्थिति में इंफेक्शन से मृत्यु की दर (यानी संक्रमितों में से कितनों की मौत हुई) करण्यासाठी 0.15% लिया गया, ‘अधिक आशंका’ वाले स्थिति में 0.30% लिया गया ,जबकि भारत के खस्ताहाल हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को देखते हुए ‘सबसे खराब स्थिति’ मध्ये 0.6% लिया गया. 2020 के अंत में अमेरिका में इंफेक्शन से मृत्यु की दर 0.30% होते.
स्टडी में शामिल विशेषज्ञों का कहना है कि भारत जैसे देश में सीरो सर्व के नतीजे भी वास्तविक स्थिति से कम हो सकते हैं. इसलिए ये भी संभव है वास्तविक संक्रमण और मौत का आंकड़ा सबसे खराब स्थिति में दर्शाए गए आंकड़े से भी ज्यादा हो.
इससे पहले भी यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मैट्रिक एंड इवेल्यूऐशन (आश्चर्य) रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कोरोना की वजह से 6.5 लाख लोगों की जान (Covid Death) जा चुकी है. जबकि सरकारी आंकडों में मौतों की संख्या 2.2 लाख ही बताई जा रही है. इस हिसाब से दिखाए जा रहे आंकड़ों से तीन गुना ज्यादा लोगों की जान जा रही है.
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