सेंट्रल व्हिस्टा प्रकल्पाच्या बांधकामासाठी विरोधी पक्षांचे नेते पंतप्रधान मोदींवर टीका करतात
देशात कोरोनाच्या दुसऱ्या लाटेने कहर केला आहे. दररोज तीन लाखांहून अधिक नवीन प्रकरणे समोर येत आहेत आणि दिल्लीत कोविडमुळे मृत्यूमुखी पडणाऱ्यांची संख्या वाढत आहे., रुग्णालयांमध्ये ऑक्सिजनची कमतरता आहे, लॉकडाउन लागू है लेकिन राजधानी में 1500 करोड़ रुपये की लागत वाला सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (The Central Vista Project) इससे जरा भी प्रभावित नहीं है. दिल्ली में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का कार्य लगातार जारी है जिसको लेकर विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर हमला बोला है.
सेंट्रल विस्टा परियोजना में प्रधानमंत्री का नया आवास भी बनाया जाएगा जो करीब 15 एकड़ में फैला होगा। जिसमें 10 इमारतें शामिल होंगी. प्रत्येक में चार मंजिलें होंगी। साथ ही एसपीजी के लिए भी एक इमारत 2.5 एकड़ में बनाई जाएगी. चे माजी गव्हर्नर लॉर्ड सिडनहॅम यांना लिहिलेल्या पत्रात 4 किलोमीटर हिस्से में निर्माणाधीन सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक फैला है. उम्मीद जताई जा रही है कि यह 2023 तक पूरा हो जाएगा. अगले साल यानी 2024 में लोकसभा चुनाव होंगे. मजदूर 12 घंटे की शिफ्ट में काम कर रहे हैं. त्यांना 600 रुपये प्रतिदिन मेहनताना दिया जा रहा है.
दिल्ली सरकार के द्वारा लॉकडाउन लगाए जाने के बाद सिर्फ उन्हीं निर्माण कार्यों को करने की अनुमति दी गई है जहां मजदूरों के रहने की व्यवस्था भी साइट पर ही हो। लेकिन सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में इन नियमों का भी उल्लंघन किया जा रहा है. एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार नई संसद भवन के निर्माण कार्य में लगाए गए मजदूरों को 16 किलोमीटर दूर कीर्ति नगर और उसके आसपास से लाया जा रहा है. दरअसल इस विस्टा प्रोजेक्ट को साल 2023 तक पूरा किया जाना है. इसके लिए मजदूरों को दिन में 12 घंटे तक काम करना पड़ रहा है.
भयंकर महामारी के बावजूद सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का निर्माण किए जाने और उसमें मजदूरों को लगाए जाने को लेकर कई विपक्षी दलों के नेताओं ने केंद्र सरकार और नरेंद्र मोदी की आलोचना की है. जिसको लेकर कांग्रेस नेता अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार मांग कर रहे हैं कि केंद्र सरकार को गैर-जरूरी प्रोजेक्ट के बजाय वैक्सीन, ऑक्सीजन और अन्य जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं पर पैसे खर्च करने चाहिए.
इसके साथ आरजेडी नेता और राज्यसभा सांसद मनोज झा ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के काम को तत्काल रोकने की मांग की है. केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि सेंट्रल विस्टा प्रोटेक्ट के काम को फौरन रोका जाए. उन्होंने इसे जरूरी काम का दर्जा दिए जाने पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि यह नैतिक रुप से गलत है. दुनिया में ऐसा कोई देश नहीं होगा, जहां इस तरह से अनैतिक और अरुचिकर काम किया जा रहा हो.
जिस तरह से विपक्षी आलोचना कर रहे है क्या केंद्र सरकार सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के निर्माण पर रोक लगाएगी, कोरोना महामारी मेें काम कर रहे मजदूरों के लिए सरकार ने क्या कुछ सुविधाएं दी है ये सवाल उठना भी लाजिम है.
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