हातरस प्रकरण दडपण्याचे षड्यंत्र,वकिलाला जीवे मारण्याच्या धमक्या मिळाल्या
निर्भयाग गैंगरेप और हाथरस में पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए मुकदमा लड़ रही महिला वकील सीमा कुशवाहा को जान से मारने की धमकी मिली है। सीमा ने सरकार से मदद की गुहार लगाते हुए सुरक्षा प्रदान करने की मांग की है।
सीमा समृद्धि कुशवाहा सर्वोच्च न्यायालय में एक वकील हैं। वह 2012 के दिल्ली सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में पीड़िता के कानूनी वकील के रूप में जानी जाती हैं। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद, सभी चार दोषियों को 20 मार्च 2020 को तिहाड़ जेल में फांसी पर लटका दिया गाया था। अब सीमा 14 सप्टेंबर 2020 को हाथरस में हुए गैंगरेप में पीड़िता की ओर से वकील है।
चार पुरुषों द्वारा हाथरस जिले (उत्तर प्रदेश) में एक 19 वर्षीय युवती के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। दो हफ्ते बाद दिल्ली के एक अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई थी। उसकी मौत के बाद, पुलिस ने पीड़िता का उसके परिवार की सहमति के बिना जबरन अंतिम संस्कार किया, पुलिस ने इस दावे को खारिज कर दिया। हालांकि मजिस्ट्रेट को दिए अपने बयान में, पीड़िता ने चार आरोपियों को उसके साथ बलात्कार करने का नाम दिया। इसी केस में अब सीमा पीड़ित के परिवार को न्याय दिलाने के लिए लड़ रही है।
भीम आर्मी चीफ और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने हाथरस केस की वकील सीमा समृद्धि कुशवाहा को जातिवादी गुंडों द्वारा मिलने वाली धमकी को लेकर बीजेपी को आढ़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी सरकार सीमा कुशवाहा को सुरक्षा नहीं देगी तो भीम आर्मी उनकी सुरक्षा में तैनात है। चंद्रशेखर आजाद ने ट्वीट कर ये बाते कहीं है।
हाथरस में बहुजन समाज की लड़की के साथ गैंगरेप और हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया था। 29 सप्टेंबर 2020 को इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई थी। सीमा कुशवाहा पीड़ित पक्ष की वकील हैं। 5 मार्च को जातिवादी गुंडों द्वारा उन्हें जाने से मारने की धमकी दी गई। जिसकी शिकायत उन्होंने हाई कोर्ट में भी की थी। इसको लेकर उन्होंने 31 अगस्त को पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी से सुरक्षा की मांग की थी। जिस पर अब तक सरकार की ओर से संज्ञान नहीं लिया गया है।
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